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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस में ITER परियोजना का दौरा किया, भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर दिया जोर

📌 प्रमुख बिंदु:
🔹 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ ITER (International Thermonuclear Experimental Reactor) का दौरा किया।
🔹 ITER दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु संलयन (Fusion) प्रोजेक्ट है, जो स्वच्छ और असीमित ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता रखता है।
🔹 यह परियोजना फ्रांस के कडाराश (Cadarache) में स्थित है और इसमें भारत सहित 33 देश सहयोग कर रहे हैं।
🔹 ITER का उद्देश्य टोकामाक (Tokamak) तकनीक का उपयोग करके फ्यूजन एनर्जी को व्यवहारिक बनाना है, जिससे भविष्य में शून्य कार्बन उत्सर्जन वाली ऊर्जा प्राप्त की जा सके।
🔹 भारत ने इस परियोजना में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसमें 200 भारतीय वैज्ञानिकों और प्रमुख भारतीय कंपनियों की भागीदारी शामिल है।

ITER क्या है?

👉 ITER (International Thermonuclear Experimental Reactor) एक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक परियोजना है, जिसका लक्ष्य नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) से ऊर्जा उत्पादन की व्यवहार्यता को सिद्ध करना है।
👉 यह परियोजना सूरज और तारों के ऊर्जा उत्पादन के सिद्धांत पर आधारित है, जहां हाइड्रोजन के समस्थानिक (Deuterium और Tritium) का संलयन करके विशाल मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न की जाती है।
👉 ITER में उत्पन्न 500 मेगावाट ऊर्जा को सीधे बिजली में परिवर्तित नहीं किया जाएगा, बल्कि यह भविष्य की फ्यूजन एनर्जी तकनीक के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा

टोकामाक (Tokamak) क्या है?

🔹 टोकामाक एक विशेष मशीन है, जिसे परमाणु संलयन से प्राप्त ऊर्जा को नियंत्रित करने के लिए विकसित किया गया है।
🔹 इसमें एक विशाल चुम्बकीय क्षेत्र (Magnetic Field) का उपयोग करके प्लाज्मा (Plasma) को स्थिर रखा जाता है, जिससे संलयन प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित हो सके।
🔹 ITER में दुनिया का सबसे बड़ा टोकामाक बनाया जा रहा है, जो 2039 तक 500 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन करने में सक्षम होगा।

ITER परियोजना का महत्व

भविष्य की ऊर्जा क्रांति: परमाणु संलयन को भविष्य की ऊर्जा तकनीक माना जा रहा है, क्योंकि यह साफ, सुरक्षित और असीमित ऊर्जा प्रदान करता है
शून्य कार्बन उत्सर्जन: यह परियोजना पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा उत्पादन में मदद करेगी और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में सहायक होगी।
भारत की भागीदारी: भारत इस परियोजना में महत्वपूर्ण वैज्ञानिक और तकनीकी योगदान दे रहा है, जिससे वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में भारत की भूमिका और मजबूत होगी।

ITER में भारत की भूमिका

🇮🇳 भारत परियोजना के सात प्रमुख सदस्यों में से एक है और इसमें 200 से अधिक भारतीय वैज्ञानिक और इंजीनियर कार्यरत हैं।
🏗️ L&T, Inox India, TCS, TCE, HCL जैसी भारतीय कंपनियाँ इस परियोजना में महत्वपूर्ण तकनीकी और औद्योगिक योगदान दे रही हैं।
🔬 भारत ने ITER के लिए क्रायोस्टेट (Cryostat) के निर्माण, सुपरकंडक्टिंग मैग्नेट और अन्य प्रमुख घटकों की आपूर्ति की है।

प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा क्यों महत्वपूर्ण है?

पीएम मोदी ITER सुविधा का दौरा करने वाले पहले राष्ट्राध्यक्ष हैं, जिससे वैश्विक ऊर्जा सहयोग में भारत की बढ़ती भूमिका स्पष्ट होती है।
⭐ यह यात्रा भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों और नवाचार (Innovation) को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
भारत की ऊर्जा सुरक्षा और स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों के लिए यह परियोजना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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By Team Atharva Examwise