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Paris AI Summit 2025: भारत की AI कूटनीति और वैश्विक नेतृत्व की ओर एक कदम

📌 Context:
भारत 10-11 फरवरी 2025 को होने वाले Paris AI Action Summit में सह-अध्यक्षता करेगा। यह वैश्विक मंच AI गवर्नेंस, नवाचार, और समान AI पहुंच पर चर्चा करेगा, जिसमें भारत Global South (विकासशील देशों) की आवाज़ को मजबूत करने के लिए प्रयास करेगा।

🔹 Paris AI Summit 2025: प्रमुख बिंदु

🔸 Paris AI Summit क्या है?

  • यह तीसरा वैश्विक AI सुरक्षा शिखर सम्मेलन है, इससे पहले UK (2023) और South Korea (2024) में इस तरह के समिट हो चुके हैं।
  • इसे फ्रांस आयोजित कर रहा है और इसमें AI सुरक्षा, नैतिकता, गवर्नेंस, नवाचार और आर्थिक प्रभाव पर चर्चा होगी।
  • भाग लेने वाले प्रमुख देश: भारत, अमेरिका, यूरोपीय संघ, चीन, जर्मनी
  • प्रमुख तकनीकी कंपनियां: OpenAI, Google, Microsoft, DeepMind आदि

🔸 Paris AI Summit 2025 का महत्व
AI सुरक्षा और गवर्नेंस: AI विकास के लिए वैश्विक मानकों और जोखिम प्रबंधन ढांचे की स्थापना।
समान AI पहुंच: AI तकनीक को सभी देशों के लिए उपलब्ध बनाने और ओपन-सोर्स AI को बढ़ावा देने पर ज़ोर।
आर्थिक और रणनीतिक प्रभाव: AI-आधारित उद्योगों, व्यापार नीतियों, और अंतरराष्ट्रीय विनियमों को आकार देना।
भू-राजनीतिक संतुलन: अमेरिका-चीन के वर्चस्व को संतुलित करते हुए बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना।

🔹 वैश्विक AI शिखर सम्मेलन: अब तक की प्रमुख उपलब्धियाँ

🔸 Bletchley Park AI Summit (UK, 2023)

📌 मुख्य नतीजे:

  • Bletchley Park Declaration: अग्रणी AI के अवसरों और खतरों पर वैश्विक समझौता।
  • वैश्विक AI सहयोग: भारत, अमेरिका, चीन, यूरोपीय संघ सहित 28 देशों द्वारा हस्ताक्षरित समझौता।
  • Frontier AI की परिभाषा: अत्यधिक उन्नत जनरेटिव AI मॉडल को सार्वजनिक सुरक्षा जोखिम के रूप में मान्यता दी गई।
  • UK AI सुरक्षा संस्थान (AISI) की स्थापना।

🔸 Seoul AI Summit (South Korea, 2024)

📌 मुख्य नतीजे:

  • AI गवर्नेंस का विस्तार: नवाचार और समावेशिता को वैश्विक AI एजेंडा में जोड़ा गया।
  • AI सुरक्षा संस्थानों का विस्तार: जापान, दक्षिण कोरिया, कनाडा और EU AI ऑफिस नेटवर्क से जुड़े।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग: 10 देशों + EU ने AI सुरक्षा संस्थानों पर संयुक्त बयान जारी किया।
  • AI मानकों को मजबूत किया गया।

🔹 वैश्विक AI गवर्नेंस में प्रमुख चुनौतियाँ

1️⃣ कॉरपोरेट एकाधिकार: OpenAI, Google, DeepSeek जैसी कुछ बड़ी कंपनियों का AI विकास पर एकाधिकार।
2️⃣ विनियामक असमानता: अमेरिका, यूरोपीय संघ और चीन के AI नीतियों में अंतर, जिससे वैश्विक ढांचे में देरी
3️⃣ नैतिक चिंताएँ: AI मॉडल में संस्कृति-आधारित पूर्वाग्रह, गलत सूचना, और आर्थिक विस्थापन का खतरा।
4️⃣ सुरक्षा और Deepfake संकट: AI का दुरुपयोग साइबर युद्ध, डीपफेक प्रोपेगेंडा, और निगरानी के लिए।

🔹 भारत के लिए अवसर: Paris AI Summit 2025

Global South की वकालत:

  • समान AI लोकतंत्रीकरण के लिए भारत का नेतृत्व, विकासशील देशों के लिए AI डेटा और इन्फ्रास्ट्रक्चर का समर्थन।
  • AI को सार्वजनिक कल्याण में उपयोग करने पर ज़ोर।

AI साझेदारी का विस्तार:

  • भारत को EU, फ्रांस, और अन्य AI-इकोनॉमी वाले देशों के साथ तकनीकी सहयोग बढ़ाने का अवसर।
  • भारत-फ्रांस AI अनुसंधान कार्यक्रमों को गति मिलेगी।

रणनीतिक नेतृत्व:

  • भारत AI महाशक्तियों (अमेरिका-चीन) और विकासशील देशों के बीच सेतु की भूमिका निभा सकता है।
  • वैश्विक AI गवर्नेंस में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर।

AI अनुसंधान और नवाचार:

  • भारत के AI सुरक्षा संस्थान को वैश्विक पहचान मिलेगी।
  • स्थानीय AI मॉडल और सार्वजनिक हित AI विकास को बढ़ावा देने का मंच।

🔹 निष्कर्ष

📢 भारत की सह-अध्यक्षता में Paris AI Summit 2025 वैश्विक AI गवर्नेंस, सुरक्षा और नवाचार को नया आयाम देगा।
📢 भारत का लक्ष्य AI तक समान पहुंच, उन्नत AI अनुसंधान, और Global South की AI विकास में भागीदारी को बढ़ाना है।
📢 यह शिखर सम्मेलन भारत को वैश्विक AI कूटनीति में एक अग्रणी शक्ति बनने का अवसर देगा, जिससे भविष्य में AI नीति निर्धारण में भारत की प्रमुख भूमिका होगी।

👉 UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण करंट अफेयर्स अपडेट के लिए फॉलो करें @AtharvaExamwise! 🚀: भारत की AI कूटनीति और वैश्विक नेतृत्व की ओर एक कदम

📌 Context:
भारत 10-11 फरवरी 2025 को होने वाले Paris AI Action Summit में सह-अध्यक्षता करेगा। यह वैश्विक मंच AI गवर्नेंस, नवाचार, और समान AI पहुंच पर चर्चा करेगा, जिसमें भारत Global South (विकासशील देशों) की आवाज़ को मजबूत करने के लिए प्रयास करेगा।

🔹 Paris AI Summit 2025: प्रमुख बिंदु

🔸 Paris AI Summit क्या है?

  • यह तीसरा वैश्विक AI सुरक्षा शिखर सम्मेलन है, इससे पहले UK (2023) और South Korea (2024) में इस तरह के समिट हो चुके हैं।
  • इसे फ्रांस आयोजित कर रहा है और इसमें AI सुरक्षा, नैतिकता, गवर्नेंस, नवाचार और आर्थिक प्रभाव पर चर्चा होगी।
  • भाग लेने वाले प्रमुख देश: भारत, अमेरिका, यूरोपीय संघ, चीन, जर्मनी
  • प्रमुख तकनीकी कंपनियां: OpenAI, Google, Microsoft, DeepMind आदि

🔸 Paris AI Summit 2025 का महत्व
AI सुरक्षा और गवर्नेंस: AI विकास के लिए वैश्विक मानकों और जोखिम प्रबंधन ढांचे की स्थापना।
समान AI पहुंच: AI तकनीक को सभी देशों के लिए उपलब्ध बनाने और ओपन-सोर्स AI को बढ़ावा देने पर ज़ोर।
आर्थिक और रणनीतिक प्रभाव: AI-आधारित उद्योगों, व्यापार नीतियों, और अंतरराष्ट्रीय विनियमों को आकार देना।
भू-राजनीतिक संतुलन: अमेरिका-चीन के वर्चस्व को संतुलित करते हुए बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना।

🔹 वैश्विक AI शिखर सम्मेलन: अब तक की प्रमुख उपलब्धियाँ

🔸 Bletchley Park AI Summit (UK, 2023)

📌 मुख्य नतीजे:

  • Bletchley Park Declaration: अग्रणी AI के अवसरों और खतरों पर वैश्विक समझौता।
  • वैश्विक AI सहयोग: भारत, अमेरिका, चीन, यूरोपीय संघ सहित 28 देशों द्वारा हस्ताक्षरित समझौता।
  • Frontier AI की परिभाषा: अत्यधिक उन्नत जनरेटिव AI मॉडल को सार्वजनिक सुरक्षा जोखिम के रूप में मान्यता दी गई।
  • UK AI सुरक्षा संस्थान (AISI) की स्थापना।

🔸 Seoul AI Summit (South Korea, 2024)

📌 मुख्य नतीजे:

  • AI गवर्नेंस का विस्तार: नवाचार और समावेशिता को वैश्विक AI एजेंडा में जोड़ा गया।
  • AI सुरक्षा संस्थानों का विस्तार: जापान, दक्षिण कोरिया, कनाडा और EU AI ऑफिस नेटवर्क से जुड़े।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग: 10 देशों + EU ने AI सुरक्षा संस्थानों पर संयुक्त बयान जारी किया।
  • AI मानकों को मजबूत किया गया।

🔹 वैश्विक AI गवर्नेंस में प्रमुख चुनौतियाँ

1️⃣ कॉरपोरेट एकाधिकार: OpenAI, Google, DeepSeek जैसी कुछ बड़ी कंपनियों का AI विकास पर एकाधिकार।
2️⃣ विनियामक असमानता: अमेरिका, यूरोपीय संघ और चीन के AI नीतियों में अंतर, जिससे वैश्विक ढांचे में देरी
3️⃣ नैतिक चिंताएँ: AI मॉडल में संस्कृति-आधारित पूर्वाग्रह, गलत सूचना, और आर्थिक विस्थापन का खतरा।
4️⃣ सुरक्षा और Deepfake संकट: AI का दुरुपयोग साइबर युद्ध, डीपफेक प्रोपेगेंडा, और निगरानी के लिए।

🔹 भारत के लिए अवसर: Paris AI Summit 2025

Global South की वकालत:

  • समान AI लोकतंत्रीकरण के लिए भारत का नेतृत्व, विकासशील देशों के लिए AI डेटा और इन्फ्रास्ट्रक्चर का समर्थन।
  • AI को सार्वजनिक कल्याण में उपयोग करने पर ज़ोर।

AI साझेदारी का विस्तार:

  • भारत को EU, फ्रांस, और अन्य AI-इकोनॉमी वाले देशों के साथ तकनीकी सहयोग बढ़ाने का अवसर।
  • भारत-फ्रांस AI अनुसंधान कार्यक्रमों को गति मिलेगी।

रणनीतिक नेतृत्व:

  • भारत AI महाशक्तियों (अमेरिका-चीन) और विकासशील देशों के बीच सेतु की भूमिका निभा सकता है।
  • वैश्विक AI गवर्नेंस में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर।

AI अनुसंधान और नवाचार:

  • भारत के AI सुरक्षा संस्थान को वैश्विक पहचान मिलेगी।
  • स्थानीय AI मॉडल और सार्वजनिक हित AI विकास को बढ़ावा देने का मंच।

🔹 निष्कर्ष

📢 भारत की सह-अध्यक्षता में Paris AI Summit 2025 वैश्विक AI गवर्नेंस, सुरक्षा और नवाचार को नया आयाम देगा।
📢 भारत का लक्ष्य AI तक समान पहुंच, उन्नत AI अनुसंधान, और Global South की AI विकास में भागीदारी को बढ़ाना है।
📢 यह शिखर सम्मेलन भारत को वैश्विक AI कूटनीति में एक अग्रणी शक्ति बनने का अवसर देगा, जिससे भविष्य में AI नीति निर्धारण में भारत की प्रमुख भूमिका होगी।

👉 UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण करंट अफेयर्स अपडेट के लिए फॉलो करें @AtharvaExamwise! 🚀

By : team atharvaexamwise