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परिचय

भारतीय नौसेना ने भारतीय नौसेना वायु स्क्वाड्रन 335 (INAS 335) के कमीशन के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह कदम MH-60R सीहॉक हेलीकॉप्टरों की दूसरी खेप के नौसेना में शामिल होने को दर्शाता है। यह विकास भारत की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करता है और नौसेना के वायु बेड़े के आधुनिकीकरण की दिशा में एक अहम कदम है।

यह स्क्वाड्रन आधिकारिक रूप से गोवा स्थित INS हंसा में कमीशन किया गया, जो उन्नत नौसैनिक विमानन तकनीक के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

यह करेंट अफेयर्स अपडेट UPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि रक्षा आधुनिकीकरण से जुड़े प्रश्न अक्सर UPSC की जनरल स्टडीज़ पेपर-3 (GS-3) में पूछे जाते हैं।

INAS 335 क्या है?

INAS 335 एक नव-कमीशंड भारतीय नौसेना वायु स्क्वाड्रन है, जो हेलीकॉप्टर संचालन के लिए समर्पित है। यह स्क्वाड्रन भारतीय नौसेना की वायु क्षमताओं का एक अभिन्न अंग है, जिसे विशेष रूप से पनडुब्बी-रोधी युद्ध (ASW), खोज एवं बचाव अभियानों तथा भारतीय जलक्षेत्र में समुद्री गश्त मिशनों को सुदृढ़ करने के लिए डिजाइन किया गया है।

INAS 335 की स्थापना भारत द्वारा उन्नत सैन्य हेलीकॉप्टरों की रणनीतिक खरीद का परिणाम है, जिसका उद्देश्य रक्षा ढांचे को उन्नत करना और हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में नौसैनिक प्रभुत्व बनाए रखना है।

MH-60R सीहॉक हेलीकॉप्टर: प्रमुख विशेषताएँ

अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित MH-60R सीहॉक दुनिया के सबसे अत्याधुनिक नौसैनिक हेलीकॉप्टरों में से एक है। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

प्रदर्शन क्षमताएँ

ऑपरेशनल सीलिंग: 12,000 फीट की ऊँचाई तक संचालन क्षमता

अधिकतम गति: 270 किलोमीटर प्रति घंटा (kmph)

रेंज: एक मिशन में 830 किलोमीटर

सेवा में प्रवेश का वर्ष: आधिकारिक रूप से 2006

निर्माता: लॉकहीड मार्टिन कॉर्पोरेशन, अमेरिका

ये विशेषताएँ क्यों महत्वपूर्ण हैं?

MH-60R की 12,000 फीट की ऊँचाई पर संचालन क्षमता इसे विविध भौगोलिक क्षेत्रों, विशेषकर पर्वतीय तटीय इलाकों में प्रभावी बनाती है। इसकी 270 किमी/घंटा की गति समुद्री खतरों पर त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करती है, जबकि 830 किमी की रेंज भारत के विशाल विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की व्यापक निगरानी को संभव बनाती है।

INAS 335 के कमीशन का रणनीतिक महत्व

नौसैनिक विमानन को सुदृढ़ करना

MH-60R हेलीकॉप्टरों की दूसरी खेप की तैनाती भारत की निम्नलिखित प्रतिबद्धताओं को दर्शाती है:

पनडुब्बी-रोधी युद्ध क्षमता — पानी के नीचे के खतरों से रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक

समुद्री गश्त और टोही — समुद्री मार्गों और EEZ की सुरक्षा के लिए अनिवार्य

खोज एवं बचाव अभियान — मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) के लिए महत्वपूर्ण

नौसैनिक इंटरडिक्शन — समुद्री डकैती और अवैध गतिविधियों के विरुद्ध अभियानों में सहयोग

क्षेत्रीय नौसैनिक संतुलन

INAS 335 के संचालन में आने से भारतीय नौसेना की हिंद महासागर क्षेत्र में उपस्थिति उल्लेखनीय रूप से मजबूत हुई है। यह विकास:

उभरती समुद्री सुरक्षा चुनौतियों पर भारत की प्रतिक्रिया क्षमता बढ़ाता है

नौसैनिक विमानन में तकनीकी उन्नति को दर्शाता है

भारत की “सागर” (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) रणनीति को मजबूती प्रदान करता है

मेक-इन-इंडिया और रक्षा आत्मनिर्भरता

हालाँकि MH-60R हेलीकॉप्टर लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित है, फिर भी इसकी रणनीतिक खरीद सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुरूप है, क्योंकि यह:

विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ रक्षा सहयोग को बढ़ावा देती है

भविष्य में स्वदेशी हेलीकॉप्टर विकास के लिए मार्ग प्रशस्त करती है

रखरखाव, मरम्मत और तकनीकी प्रशिक्षण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उत्पन्न करती है

ऐतिहासिक संदर्भ: 2006 से MH-60R

MH-60R सीहॉक वर्ष 2006 से लगातार परिचालन सेवा में है और इसने विभिन्न वैश्विक नौसेनाओं में अपनी विश्वसनीयता और प्रभावशीलता सिद्ध की है। यह हेलीकॉप्टर:

युद्ध-परीक्षित है — अमेरिकी नौसेना और सहयोगी देशों द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किया गया

तकनीकी रूप से उन्नत है — आधुनिक एवियोनिक्स, रडार प्रणालियों और हथियार एकीकरण से लैस

बहुउपयोगी है — विध्वंसक, फ्रिगेट और कॉर्वेट जैसे विभिन्न नौसैनिक प्लेटफॉर्म से संचालन में सक्षम

भारत द्वारा MH-60R को अपनाना यह दर्शाता है कि देश प्रयोगात्मक तकनीकों के बजाय स्थापित और युद्ध-परीक्षित प्लेटफॉर्म पर भरोसा करता है।

रक्षा खरीद और भारत का नौसैनिक आधुनिकीकरण

व्यापक संदर्भ

MH-60R की खरीद भारत के ₹6 लाख करोड़ से अधिक के रक्षा व्यय का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य तीनों सेनाओं की क्षमताओं का आधुनिकीकरण करना है। इसमें शामिल हैं:

INS हंसा (कमीशनिंग स्थल): गोवा स्थित यह एक प्रमुख नौसैनिक एयर स्टेशन है, जो पश्चिमी बेड़े के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है

मल्टी-बैच खरीद रणनीति: MH-60R की “दूसरी खेप” चरणबद्ध आधुनिकीकरण को दर्शाती है

रणनीतिक गलियारा: पश्चिमी तट क्षेत्रीय भू-राजनीति के कारण भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है

परीक्षा-उपयोगी प्रमुख शब्द और अवधारणाएँ

अवधारणाप्रासंगिकता
सागर सिद्धांतभारत की समुद्री नीति, जो क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग पर जोर देती है
विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ)भारत की 200 नौटिकल मील तक फैली समुद्री सीमा, जिसकी निरंतर निगरानी आवश्यक
पनडुब्बी-रोधी युद्ध (ASW)पनडुब्बी खतरों से रक्षा के लिए प्रमुख नौसैनिक क्षमता
आत्मनिर्भर भारतरक्षा आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उत्पादन की सरकारी पहल
नौसैनिक आधुनिकीकरणरक्षा ढांचे को उन्नत करने पर सरकार का सतत फोकस
लॉकहीड मार्टिनभारत को उन्नत हथियार प्रणालियाँ आपूर्ति करने वाली प्रमुख अमेरिकी रक्षा कंपनी

INAS 335: समयरेखा और संबंधित विकास

2006: MH-60R वैश्विक सेवा में शामिल

2023-2024: भारत द्वारा MH-60R हेलीकॉप्टरों की खरीद पर बातचीत

दिसंबर 2025: INAS 335 को MH-60R हेलीकॉप्टरों के साथ दूसरे परिचालन स्क्वाड्रन के रूप में कमीशन किया गया

भविष्य: पूर्वी बेड़े को मजबूत करने हेतु MH-60R स्क्वाड्रनों का संभावित विस्तार

आपकी परीक्षा तैयारी के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है?

UPSC सिविल सेवा परीक्षा के लिए

INAS 335 का कमीशन सीधे तौर पर निम्न से संबंधित है:

जनरल स्टडीज़ पेपर-3 (GS-3) — आंतरिक सुरक्षा और रक्षा

नौसैनिक आधुनिकीकरण पर प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं

भारत की रक्षा खरीद रणनीति को समझना आवश्यक है

सैन्य उपकरणों की तैनाती से जुड़े करेंट अफेयर्स उच्च-संभावना वाले विषय हैं

करेंट अफेयर्स (प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा)

रक्षा उपलब्धियों पर दैनिक GK अपडेट तथ्यात्मक स्मृति को मजबूत करते हैं

“MH-60R,” “INS हंसा,” और “INAS 335” जैसे तथ्य वस्तुनिष्ठ प्रश्नों में आ सकते हैं

आधुनिकीकरण के कारणों की समझ (क्षेत्रीय सुरक्षा, समुद्री खतरे) निबंध लेखन में सहायक है

साक्षात्कार तैयारी

रक्षा आधुनिकीकरण पर चर्चा करेंट अफेयर्स की समझ दर्शाती है

भारत की समुद्री रणनीति की जानकारी समग्र ज्ञान को प्रदर्शित करती है

प्रमुख उपकरणों और क्षमताओं की जानकारी विश्वसनीयता बढ़ाती है

अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए

SSC (CGL आदि): रक्षा और करेंट अफेयर्स से जुड़े प्रश्न

बैंकिंग परीक्षाएँ (IBPS/SBI): सामान्य जागरूकता में रक्षा विषय

रक्षा सेवाएँ परीक्षाएँ: प्रत्यक्ष प्रासंगिकता

राज्य सिविल सेवा परीक्षाएँ: राज्य-स्तरीय करेंट अफेयर्स और रक्षा

त्वरित पुनरावृत्ति के लिए प्रमुख बिंदु

INAS 335 = MH-60R सीहॉक हेलीकॉप्टरों से लैस भारतीय नौसेना वायु स्क्वाड्रन

MH-60R विशेषताएँ: 12,000 फीट | 270 किमी/घंटा | 830 किमी | निर्माता: लॉकहीड मार्टिन

कमीशनिंग स्थल: INS हंसा, गोवा (दिसंबर 2025)

रणनीतिक महत्व: ASW, समुद्री गश्त, सागर सिद्धांत

व्यापक संदर्भ: नौसैनिक आधुनिकीकरण और रक्षा आत्मनिर्भरता

निष्कर्ष

MH-60R सीहॉक हेलीकॉप्टरों के साथ INAS 335 का कमीशन भारत की नौसैनिक क्षमताओं और समुद्री सुरक्षा ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह विकास आधुनिक रक्षा अवसंरचना, रणनीतिक साझेदारियों और हिंद महासागर क्षेत्र में क्षेत्रीय सुरक्षा बनाए रखने के भारत के संकल्प को दर्शाता है।

UPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए, यह समाचार उस प्रकार के रक्षा और करेंट अफेयर्स अपडेट का उत्कृष्ट उदाहरण है जो परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाते हैं। केवल तथ्य ही नहीं, बल्कि उनके पीछे के रणनीतिक संदर्भ को समझना आपकी तैयारी को मजबूत बनाता है।

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