जमशेदजी टाटा: भारतीय उद्योग के शिल्पकार – UPSC व प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुख्य तथ्य
इस सप्ताह “स्टील मैन ऑफ इंडिया” और भारतीय औद्योगिक क्रांति के जनक जमशेदजी टाटा की पुण्यतिथि (19 मई 1904) है। उनका विजन, नेतृत्व और आत्मनिर्भरता के प्रति समर्पण भारतीय औद्योगिक परिदृश्य को बदलने वाला रहा, इसलिए UPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उनका जीवन और उपलब्धियां अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
जमशेदजी टाटा: प्रारंभिक जीवन और बहुभाषाविद् व्यक्तित्व
जन्म: 3 मार्च 1839, नवसारी, दक्षिण गुजरात, पारसी परिवार में
भाषाओं का ज्ञान: अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, संस्कृत
मुंबई आगमन: 14 वर्ष की उम्र में पिता के साथ मुंबई आए
औद्योगिक भारत का सपना: प्रेरणा और पहल
स्टील का सपना
1867 में मैनचेस्टर (इंग्लैंड) में दार्शनिक थॉमस कार्लाइल का भाषण सुना, जिसमें कहा गया – “जिसके पास इस्पात है, उसके पास सोना है।”
इस एक वाक्य ने जमशेदजी को भारत में स्टील प्लांट स्थापित करने के लिए प्रेरित किया।
चयनित स्थान: 1904 में झारखंड के सकची गांव को स्टील प्लांट के लिए चुना, जो बाद में जमशेदपुर कहलाया।
मजदूरों की भलाई: उन्होंने मजदूरों के लिए एक आधुनिक और सुविधाजनक शहर बसाया, औद्योगिक टाउनशिप की मिसाल कायम की।
टाटा स्टील: भारतीय भारी उद्योग की नींव
टाटा स्टील की स्थापना: 1907
पहला इस्पात उत्पादन: 1912
विश्व युद्धों में योगदान: प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में टाटा स्टील ने ब्रिटिश सरकार को आवश्यक स्टील की आपूर्ति की, जिससे कंपनी और मजबूत हुई।
एम्प्रेस मिल्स और स्वदेशी आंदोलन
ब्रिटिश कपड़ा उद्योग के दबदबे के बीच जमशेदजी ने स्वदेशी कपड़ा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एम्प्रेस मिल्स की स्थापना की।
ब्रिटिश एकाधिकार को चुनौती: ब्रिटिश मिलें सस्ते में भारतीय कपास खरीदकर इंग्लैंड में कपड़ा बनातीं और महंगे दामों पर भारत में बेचती थीं। जमशेदजी ने अमेरिका-यूरोप से आधुनिक मशीनें और तकनीक मंगवाकर इस एकाधिकार को तोड़ा।
एम्प्रेस मिल्स की खासियत: टिकाऊ और किफायती कपड़ा, जिससे ब्रिटिश व्यापारी भी हैरान रह गए।
टाटा समूह की नींव
टाटा एंड कंपनी की स्थापना: 1868, जो आगे चलकर टाटा समूह बना।
औद्योगिक अनुसंधान का सपना
जमशेदजी ने भारत में इंडस्ट्रियल रिसर्च इंस्टीट्यूट (औद्योगिक अनुसंधान संस्थान) की कल्पना की, जिससे भविष्य में वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति का मार्ग प्रशस्त हुआ।
परीक्षा के लिए मुख्य तथ्य
जन्म: 3 मार्च 1839, नवसारी, गुजरात
पुण्यतिथि: 19 मई 1904
उपाधि: भारतीय औद्योगिक क्रांति के जनक, स्टील मैन ऑफ इंडिया
प्रमुख कंपनियाँ: टाटा स्टील (1907), एम्प्रेस मिल्स
टाटा समूह की स्थापना: 1868
जमशेदपुर: पहले सकची, भारत के पहले स्टील प्लांट के लिए चयनित
भाषाएं: अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, संस्कृत
योगदान: भारतीय उद्योग का मार्गदर्शन, स्वदेशी को बढ़ावा, मजदूर कल्याण और वैज्ञानिक अनुसंधान
Atharva Examwise पर संबंधित लेख
आधुनिक भारतीय उद्योगपति – UPSC नोट्स
मई 2025 के टॉप 10 करंट अफेयर्स – डेली जीके अपडेट
सभी करंट अफेयर्स पढ़ें Atharva Examwise पर
आपकी परीक्षा तैयारी के लिए क्यों महत्वपूर्ण है
GS पेपर 1 (आधुनिक इतिहास):
जमशेदजी टाटा की भूमिका औद्योगिकीकरण, स्वदेशी आंदोलन और आर्थिक इतिहास के तहत प्रीलिम्स व मेंस के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
GS पेपर 3 (अर्थव्यवस्था और उद्योग):
आत्मनिर्भरता, तकनीकी नवाचार और मजदूर कल्याण के उनके विचार मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और औद्योगिक नीति जैसे समसामयिक विषयों से जुड़े हैं।
नैतिकता और नेतृत्व:
जमशेदजी के नैतिक व्यापार, परोपकार और राष्ट्रनिर्माण के आदर्श GS पेपर 4 के लिए प्रासंगिक हैं।
करंट अफेयर्स कनेक्शन:
टाटा समूह की विरासत और भारत का औद्योगिक विकास आज भी आर्थिक व व्यापारिक समाचारों में बार-बार संदर्भित होते हैं।
टिप:
जमशेदजी टाटा के जीवन, औद्योगिक प्रयासों और भारत के आर्थिक परिवर्तन में उनके योगदान पर संक्षिप्त नोट्स बनाएं। इन तथ्यों को इतिहास, अर्थव्यवस्था और नैतिकता के व्यापक विषयों से जोड़ें ताकि प्रीलिम्स और मेंस में उत्तरों को वैल्यू एडिशन मिले।
अधिक परीक्षा-केंद्रित समाचार और विश्लेषण के लिए Atharva Examwise करंट अफेयर्स पर अपडेट रहें।