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त्रिपुरा का लेबांग बूमानी नृत्य: फसल कटाई के बाद मनाया जाने वाला रंगीन लोक नृत्य, UPSC, SSC, Banking के लिए जरूरी daily GK update | Atharva Examwise current news

लेबांग बूमानी: त्रिपुरा का पारंपरिक फसल नृत्य | Current Affairs March 2025

परिचय

त्रिपुरा के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में लेबांग बूमानी नृत्य का विशेष स्थान है। यह नृत्य न सिर्फ राज्य की कृषि परंपरा को दर्शाता है, बल्कि इसकी अनूठी शैली और रंगीनता इसे competitive exam news के लिए भी महत्वपूर्ण बनाती है। Atharva Examwise current news में आज जानिए इस नृत्य की पूरी जानकारी - जो UPSC, SSC, Banking सहित सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी है।

लेबांग बूमानी नृत्य क्या है?

लेबांग बूमानी त्रिपुरा का एक पारंपरिक फसल नृत्य है, जिसे मुख्य रूप से फसल कटाई के बाद मनाया जाता है। यह नृत्य त्रिपुरी समुदाय की कृषि जीवनशैली और प्रकृति के साथ उनके गहरे संबंध को दर्शाता है। खास बात यह है कि इस नृत्य में 'लेबांग' नामक रंगीन कीड़ों को पकड़ने की प्रक्रिया को सुंदरता से प्रस्तुत किया जाता है145

नृत्य की प्रक्रिया और सांस्कृतिक महत्व

मानसून की प्रतीक्षा के दौरान, समुदाय के लोग पहाड़ी ढलानों पर 'लेबांग' कीड़ों की तलाश में जाते हैं।

पुरुष दो बांस की छड़ियों (बांस क्लैपर) से लयबद्ध ध्वनि उत्पन्न करते हैं, जिससे कीड़े आकर्षित होते हैं।

महिलाएं समूह बनाकर इन रंगीन कीड़ों को पकड़ती हैं।

इस प्रक्रिया को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है, जिसमें बांस से बने वाद्ययंत्र जैसे खम्ब, बांसुरी, सरिंडा, लेबांग और झांझ का उपयोग होता है54

महिलाएं पारंपरिक आभूषण और फूलों से सजे हुए परिधान पहनती हैं, जो नृत्य को और आकर्षक बनाते हैं।

मुख्य तथ्य: लेबांग बूमानी नृत्य

त्रिपुरा का पारंपरिक फसल नृत्य, फसल कटाई के बाद मनाया जाता है145

नृत्य में 'लेबांग' नामक रंगीन कीड़ों को पकड़ने की प्रक्रिया दर्शाई जाती है।

पुरुष बांस की छड़ियों से लयबद्ध ध्वनि निकालते हैं; महिलाएं कीड़ों को पकड़ती हैं।

बांस से बने वाद्ययंत्रों का प्रयोग: खम्ब, बांसुरी, सरिंडा, लेबांग, झांझ।

महिलाएं पारंपरिक आभूषण (चांदी की चेन, चूड़ियां, कांस्य की बालियां) और फूल पहनती हैं।

यह नृत्य त्रिपुरी समुदाय की कृषि जीवनशैली और प्रकृति के साथ जुड़ाव को दर्शाता है।

त्रिपुरा के अन्य प्रमुख लोक नृत्य: होजगिरी, गरिया, झूम, मैमिता, मसाक सुमानी, बिजू, चेराव, वेलकम डांस आदि245

लेबांग बूमानी नृत्य का महत्व

यह नृत्य समुदाय के लिए अच्छे भाग्य और समृद्धि का प्रतीक है। मान्यता है कि जितने अधिक लेबांग कीड़े पकड़े जाते हैं, फसल उतनी ही अच्छी होगी14

नृत्य के माध्यम से समुदाय प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करता है और सामाजिक एकता को बढ़ावा देता है।

Why this matters for exams

लेबांग बूमानी नृत्य त्रिपुरा की सांस्कृतिक पहचान और कृषि परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है - यह UPSC, SSC, Banking जैसे competitive exams के लिए एक महत्वपूर्ण current affairs March 2025 टॉपिक है।

त्रिपुरा के प्रमुख लोक नृत्यों की सूची, उनके सांस्कृतिक महत्व और उनसे जुड़े रीति-रिवाज अक्सर सामान्य ज्ञान (GK) और daily GK update सेक्शन में पूछे जाते हैं।

राज्यवार लोक नृत्य, वाद्ययंत्र और पारंपरिक पोशाकें परीक्षा में factual questions के रूप में आ सकते हैं।

Atharva Examwise current news के साथ जुड़े रहें और ऐसे ही महत्वपूर्ण competitive exam news और daily GK update पाते रहें!