चीन ने गांसु के गोबी रेगिस्तान में दुनिया का पहला थोरियम मोल्टेन साल्ट रिएक्टर बनाया, जो कम रेडियोएक्टिव वेस्ट और अधिक सुरक्षा प्रदान करता है। पढ़ें Atharva Examwise current news में पूरी जानकारी।
चीन में बना दुनिया का पहला थोरियम परमाणु रिएक्टर: महत्वपूर्ण तथ्य | Daily GK Update
चीन ने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। गांसु प्रांत के वुई शहर के गोबी रेगिस्तान में दुनिया का पहला थोरियम मोल्टेन साल्ट रिएक्टर (Thorium Molten Salt Reactor) स्थापित किया गया है। यह रिएक्टर पारंपरिक यूरेनियम रिएक्टरों की तुलना में कम रेडियोएक्टिव वेस्ट उत्पन्न करता है और अधिक सुरक्षित माना जाता है169।
इस परियोजना की मुख्य बातें:
कुल लागत: लगभग 3600 करोड़ रुपये
स्थान: वुई, गांसु प्रांत, गोबी रेगिस्तान, चीन
रिएक्टर का प्रकार: थोरियम मोल्टेन साल्ट रिएक्टर (TMSR)
शक्ति उत्पादन: 2 मेगावाट (प्रारंभिक चरण में)
भविष्य का लक्ष्य: 2030 तक 10 मेगावाट बिजली उत्पादन
मुख्य वैज्ञानिक: Xu Hongjie
प्रमुख उद्देश्य: स्वच्छ, सुरक्षित और दीर्घकालिक परमाणु ऊर्जा उत्पादन
थोरियम रिएक्टर की विशेषताएं:
पारंपरिक यूरेनियम रिएक्टरों की तुलना में थोरियम रिएक्टर कम रेडियोएक्टिव वेस्ट उत्पन्न करते हैं, जिससे पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ता है126।
थोरियम पृथ्वी की सतह में यूरेनियम से तीन गुना अधिक पाया जाता है, जिससे यह अधिक सुलभ और सस्ता विकल्प बनता है17।
मोल्टेन साल्ट तकनीक के कारण रिएक्टर को पानी की आवश्यकता नहीं होती, जिससे यह रेगिस्तानी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है29।
इस रिएक्टर में मेल्टडाउन (गलन) की संभावना लगभग न के बराबर होती है, जिससे सुरक्षा मानक काफी बढ़ जाते हैं16।
परियोजना का विकास और भविष्य की योजना
चीन ने 2018 में 2MW क्षमता वाले प्रोटोटाइप रिएक्टर का निर्माण शुरू किया था, जिसे अगस्त 2021 में पूरा किया गया24।
अप्रैल 2025 में, चीनी वैज्ञानिकों ने रिएक्टर को बिना बंद किए सफलतापूर्वक फ्यूल रीलोडिंग की, जो तकनीकी दृष्टि से एक बड़ी उपलब्धि है16।
2030 तक 10MW बिजली उत्पादन और भविष्य में 373MW तक विस्तार की योजना है247।
महत्वपूर्ण बिंदु: परीक्षा के लिए याद रखें
चीन ने दुनिया का पहला थोरियम आधारित परमाणु रिएक्टर (TMSR) गांसु के गोबी रेगिस्तान में स्थापित किया है।
यह रिएक्टर 2 मेगावाट बिजली उत्पादन में सक्षम है।
थोरियम रिएक्टर कम रेडियोएक्टिव वेस्ट और अधिक सुरक्षा प्रदान करते हैं।
चीन का लक्ष्य 2030 तक 10 मेगावाट बिजली उत्पादन है।
थोरियम पृथ्वी में यूरेनियम से अधिक मात्रा में उपलब्ध है।
यह तकनीक भारत सहित अन्य देशों के लिए भी ऊर्जा सुरक्षा का नया रास्ता खोल सकती है3।
आंतरिक लिंक (Internal Links):
Current Affairs March 2025 – Atharva Examwise
Daily GK Update – Atharva Examwise
बाहरी लिंक (External Links):
The Indian Express – Thorium in India’s Nuclear Future
South China Morning Post – China’s Thorium Reactor Breakthrough
Why this matters for exams
यह खबर Current Affairs March 2025, daily GK update, और competitive exam news के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
UPSC, SSC, Banking, और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में विज्ञान एवं तकनीकी, पर्यावरण, और ऊर्जा सुरक्षा से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।
थोरियम रिएक्टर से जुड़े तथ्य, इसकी सुरक्षा, और भविष्य की ऊर्जा जरूरतों के संदर्भ में यह विषय आगामी परीक्षाओं के लिए बेहद प्रासंगिक है।
निष्कर्ष:
चीन का यह कदम वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में बड़ा बदलाव ला सकता है। भारत जैसे देश, जहाँ थोरियम के विशाल भंडार हैं, के लिए भी यह तकनीक भविष्य में ऊर्जा सुरक्षा का मजबूत विकल्प बन सकती है। ऐसे में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए यह विषय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।