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विक्रमशिला विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में पुनर्जीवित किया जाएगा। पढ़ें मार्च 2025 के करेंट अफेयर्स हिंदी में – Atharva Examwise पर।

नालंदा के बाद अब विक्रमशिला विश्वविद्यालय की वापसी

भारत की प्राचीन शिक्षा परंपरा को फिर से जीवित करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। जैसे नालंदा विश्वविद्यालय को दोबारा स्थापित किया गया था, अब बिहार के भागलपुर जिले में स्थित विक्रमशिला विश्वविद्यालय को भी एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में पुनर्जीवित किया जा रहा है।

यह मुद्दा March 2025 current affairs, daily GK update, और competitive exam news में काफी महत्वपूर्ण बन चुका है।

विक्रमशिला परियोजना की प्रमुख बातें

यह परियोजना 2015 में केंद्र सरकार द्वारा ₹500 करोड़ की राशि के साथ स्वीकृत की गई थी।

भूमि की अनुपलब्धता के कारण अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई थी।

अब 202.14 एकड़ भूमि को अंतिचक गांव, भागलपुर में चिन्हित कर लिया गया है।

₹87.99 करोड़ भूमि अधिग्रहण के लिए स्वीकृत हो चुके हैं।

NH-80 सड़क का विकास भी जारी है, जिससे विक्रमशिला और भागलपुर के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी।

विक्रमशिला: भारत की तांत्रिक बौद्ध शिक्षा का केंद्र

विक्रमशिला की स्थापना पाल वंश के राजा धर्मपाल ने 8वीं-9वीं शताब्दी में की थी।

यह विश्वविद्यालय तंत्रयान बौद्ध परंपरा का प्रमुख शिक्षा केंद्र था।

यहाँ 208 छात्र-कोष्ठक (cells) थे और केंद्र में एक ईंटों का क्रूस-आकार का स्तूप मौजूद है।

पढ़ाए जाने वाले विषय: दर्शनशास्त्र, व्याकरण, तर्कशास्त्र, मीमांसा और विशेष रूप से तंत्र विद्या

प्रसिद्ध विद्वान अतीश दीपनकर इसी विश्वविद्यालय से जुड़े थे, जिन्होंने तिब्बत में बौद्ध धर्म के प्रचार में अहम भूमिका निभाई।

📚 स्रोत: Indian Express की विस्तृत रिपोर्ट

एएसआई द्वारा संरक्षण कार्य

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने दिसंबर 2024 से संरक्षण कार्य शुरू किया है।

मुख्य संरचनाएँ:

मुख्य स्तूप (क्रूस-आकार का)

पाठशालाओं और पुस्तकालयों के अवशेष

बुद्ध, अवलोकितेश्वर, विष्णु, गणेश, सूर्य आदि की मूर्तियाँ

एक संग्रहालय भी स्थापित किया गया है, जिसमें खुदाई में मिले प्राचीन अवशेष प्रदर्शित किए गए हैं।

परीक्षा उपयोगी तथ्य (Key Takeaways for Exams)

विक्रमशिला को अब केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है।

यह विश्वविद्यालय तंत्र विद्या में विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध था।

Antichak गांव, भागलपुर में स्थित है।

परियोजना को 2015 में ₹500 करोड़ के साथ स्वीकृति मिली थी, और 2025 में भूमि अधिग्रहण शुरू हुआ है।

ASI द्वारा संरक्षण और पुरातात्विक विकास की प्रक्रिया चल रही है।

अतिरिक्त विश्वसनीय स्रोत

PIB – प्राचीन भारतीय विश्वविद्यालयों की पुनर्स्थापना

यह टॉपिक परीक्षाओं के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

यह विषय निम्नलिखित परीक्षाओं में उपयोगी है:

UPSC GS Paper 1 – Indian History & Culture

MPPSC, BPSC, UPPCS – कला और संस्कृति, इतिहास अनुभाग

SSC, Banking – General Awareness & Current Affairs

मुख्य विषय:

भारत की प्राचीन शिक्षा प्रणाली

बौद्ध धर्म और तंत्रयान परंपरा

धरोहर संरक्षण और नीति निर्माण

यह विषय MCQ और विश्लेषणात्मक दोनों प्रश्नों में आ सकता है।

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