जस्टिस वर्मा केस से न्यायपालिका की पारदर्शिता, भ्रष्टाचार और NJAC कानून पर नई बहस शुरू हुई। जानें मार्च 2025 के करेंट अफेयर्स में इसका महत्व।जस्टिस यशवंत वर्मा केस: न्यायपालिका 'कटघरे' में
March 2025 के करेंट अफेयर्स में एक बड़ा मुद्दा उभरकर सामने आया है – जस्टिस यशवंत वर्मा केस, जिसने पूरे देश में न्यायपालिका की पारदर्शिता और स्वतंत्रता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह मामला खास तौर पर UPSC, SSC, बैंकिंग और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
क्या है पूरा मामला?
नई दिल्ली में जस्टिस वर्मा के सरकारी बंगले के एक आउटहाउस में आग लग गई। आग बुझाते समय दमकलकर्मियों को जली हुई और अधजली हालत में कई बोरियों में ₹1500 के नोट मिले।
प्रमुख घटनाक्रम:
घटना के समय जस्टिस वर्मा शहर में मौजूद नहीं थे।
फायर डिपार्टमेंट के किसी व्यक्ति ने नोट मिलने का वीडियो बना लिया।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने मामला दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को बताया, फिर यह खबर भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) तक पहुँची।
CJI ने तुरंत जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट वापस भेजने का निर्णय लिया।
तीन जजों की समिति द्वारा जांच शुरू की गई।
जस्टिस वर्मा ने साजिश की आशंका जताई और पैसे से इंकार किया।
CJI ने पारदर्शिता दिखाते हुए वीडियो और रिकॉर्ड पब्लिक डोमेन में डाले।
NJAC कानून पर फिर बहस शुरू
इस केस के बाद सरकार ने NJAC (नेशनल जुडिशियल अपॉइंटमेंट कमीशन) को फिर से लागू करने की चर्चा शुरू कर दी है।
NJAC क्या है?
यह एक नया जज नियुक्ति तंत्र था, जिसमें CJI, दो वरिष्ठ जज, कानून मंत्री और दो प्रसिद्ध व्यक्ति शामिल थे।
2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे संविधान की मूल संरचना के खिलाफ बताकर खारिज कर दिया था।
अब सरकार इसे फिर से लाने की कोशिश कर रही है।
मोदी सरकार और Collegium सिस्टम की खींचतान
हाल के वर्षों में, सरकार ने Collegium द्वारा चुने गए कई जजों की नियुक्ति को टाल दिया है।
कई मामलों में नाम सालों तक पेंडिंग रहे।
सरकार ने अपने पसंदीदा नामों को जल्द मंजूरी दी।
इससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल उठे हैं।
क्या है समाधान? न्यायपालिका में पारदर्शिता की जरूरत
केवल impeachment से जज हटाने का प्रावधान है, लेकिन यह बहुत ही जटिल और राजनीतिक प्रक्रिया है।
सुझाए गए सुधार:
Full-Time Judicial Appointment Commission (सरकार से स्वतंत्र)
Judicial Complaints Commission जो जनता की शिकायतों की जांच करे
पारदर्शी, merit-based चयन प्रक्रिया
परीक्षा के लिए मुख्य बिंदु (Key Takeaways)
जस्टिस वर्मा केस ने न्यायपालिका में भ्रष्टाचार और पारदर्शिता को लेकर बहस छेड़ी।
सरकार NJAC को फिर से लागू करने की कोशिश कर रही है।
Collegium प्रणाली की कमियाँ भी उजागर हुईं लेकिन सरकारी हस्तक्षेप समाधान नहीं है।
UPSC GS-2, SSC CGL, Banking GA के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण टॉपिक।
परीक्षा के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
यह मामला संविधान की मूल संरचना, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, न्यायिक नैतिकता, और गवर्नेंस सुधार जैसे विषयों से जुड़ा है।
UPSC Mains (GS-2), Essay पेपर, और Ethics केस स्टडीज़ के लिए उपयोगी।
राज्य PCS और बैंकिंग परीक्षाओं में करेंट अफेयर्स और संवैधानिक घटनाओं को कवर करता है।
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