📅 करंट अफेयर्स | 4 मार्च 2025
🔹 कौन थे जेम्स हैरिसन?
ऑस्ट्रेलिया के मशहूर ब्लड डोनर जेम्स हैरिसन (James Harrison) का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्हें "मैन विद द गोल्डन आर्म" (Man with the Golden Arm) के नाम से जाना जाता था, क्योंकि उनके रक्त में एक दुर्लभ एंटीबॉडी एंटी-डी (Anti-D) मौजूद था। उनके प्लाज्मा डोनेशन से अब तक 24 लाख नवजात शिशुओं की जान बचाई जा चुकी है।
🔹 जेम्स हैरिसन का योगदान क्यों महत्वपूर्ण है?
1️⃣ 18 से 81 वर्ष तक लगातार रक्तदान किया – उन्होंने हर दो हफ्ते में रक्तदान किया और यह सिलसिला 63 वर्षों तक जारी रहा।
2️⃣ 2005 में बनाया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड – उन्होंने दुनिया में सबसे अधिक रक्त प्लाज्मा दान करने का रिकॉर्ड बनाया, जिसे उन्होंने 2022 तक कायम रखा।
3️⃣ एंटी-डी एंटीबॉडी से लाखों नवजात शिशुओं की जान बचाई – उनकी एंटीबॉडी का उपयोग गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष दवा बनाने में किया गया, जिससे उन बच्चों को बचाया जा सका, जिनकी मां के रक्त से उनके लिए खतरा हो सकता था।
🔹 एंटी-डी एंटीबॉडी क्या है?
- यह एक दुर्लभ प्रकार की एंटीबॉडी है, जो Rh-निगेटिव रक्त समूह वाली गर्भवती महिलाओं को दी जाती है।
- यह उन स्थितियों में मददगार होती है, जहां मां का रक्त Rh-निगेटिव होता है और बच्चे का Rh-पॉजिटिव, जिससे शिशु के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।
- यह दवा ऑस्ट्रेलियन रेड क्रॉस ब्लड सर्विस ‘लाइफब्लड’ द्वारा विकसित की गई और इसका उपयोग गर्भवती माताओं के लिए किया जाता है।
🔹 जेम्स हैरिसन का प्रेरणादायक सफर
🔸 14 साल की उम्र में एक बड़ी सर्जरी के दौरान उन्हें रक्त चढ़ाया गया, जिससे उनका जीवन बचा।
🔸 उन्होंने रक्तदान करने की शपथ ली और 18 वर्ष की उम्र से रक्तदान करना शुरू किया।
🔸 उन्होंने 81 वर्ष की उम्र तक हर दो हफ्ते में रक्तदान किया और दुनिया के सबसे प्रभावशाली रक्तदाताओं में से एक बन गए।
🔹 ऑस्ट्रेलिया में एंटी-डी डोनर्स की स्थिति
📌 ऑस्ट्रेलिया में 200 रक्तदाता एंटी-डी डोनर हैं।
📌 हर साल 45,000 गर्भवती महिलाओं और उनके शिशुओं को सुरक्षा मिलती है।
📌 लाइफब्लड और वॉल्टर एंड एलिजा हॉल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च मिलकर इस एंटीबॉडी को लैब में बनाने पर काम कर रहे हैं।
🔹 परिवार की प्रतिक्रिया
📢 उनकी बेटी ट्रेसी मेलोशिप ने कहा – “पापा को इस बात का गर्व था कि उन्होंने बिना किसी दर्द या कीमत के लाखों लोगों की जान बचाई।”
📢 उनके पोते-पोतियों को भी एंटी-डी इंजेक्शन दिया गया, जिससे उनके योगदान का महत्व और भी बढ़ जाता है।
🔹 जेम्स हैरिसन से सीखने योग्य बातें
✔ रक्तदान एक निस्वार्थ सेवा है, जिसे सभी को अपनाना चाहिए।
✔ एक व्यक्ति की पहल लाखों जीवन बचा सकती है।
✔ वैज्ञानिक शोध और मेडिकल प्रगति को समर्थन देना आवश्यक है, ताकि और अधिक जीवन बचाए जा सकें।
🔍 UPSC & अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
📌 जेम्स हैरिसन कौन थे? – "मैन विद द गोल्डन आर्म" के नाम से मशहूर, 63 वर्षों तक रक्तदान किया।
📌 एंटी-डी एंटीबॉडी क्या है? – Rh-निगेटिव माताओं को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण एंटीबॉडी, जो शिशु को बचाने में मदद करती है।
📌 ऑस्ट्रेलिया में एंटी-डी डोनर कितने हैं? – लगभग 200, जो हर साल 45,000 गर्भवती माताओं को सुरक्षा देते हैं।
📌 लाइफब्लड क्या है? – ऑस्ट्रेलियन रेड क्रॉस ब्लड सर्विस, जो रक्तदान और मेडिकल रिसर्च से जुड़ा हुआ है।
🔹 निष्कर्ष
जेम्स हैरिसन का जीवन एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे एक व्यक्ति अपने योगदान से लाखों लोगों की जिंदगी बदल सकता है। उनका रक्तदान अभियान यह दर्शाता है कि रक्तदान सिर्फ एक मेडिकल प्रक्रिया नहीं, बल्कि मानवता की सबसे बड़ी सेवा है।
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By Team Atharva Examwise #atharvaexamwise