मालदा के ऑर्गेनिक आम क्रांति: रिकॉर्ड उत्पादन और वैश्विक निर्यात – UPSC करंट अफेयर्स
पश्चिम बंगाल के मालदा जिले, जिसे “भारत का आम का कटोरा” कहा जाता है, ने मई 2025 में रिकॉर्ड आम उत्पादन और ऑर्गेनिक खेती की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस बार मालदा न सिर्फ उत्पादन बढ़ा रहा है, बल्कि पहली बार UK, मिडिल ईस्ट, जापान और USA जैसे देशों को ऑर्गेनिक आम निर्यात करने जा रहा है। खास बात यह है कि ये आम पूरी तरह केमिकल-फ्री और उच्च गुणवत्ता वाले होंगे।
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुख्य बिंदु
रिकॉर्ड उत्पादन: मालदा में इस साल आम का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 1.35 लाख मीट्रिक टन अधिक रहने का अनुमान है, कुल उत्पादन लगभग 3.5 लाख मीट्रिक टन होगा।
ऑर्गेनिक आम पहल: पहली बार, 1000 किसान बैगिंग पद्धति से ऑर्गेनिक आम उगा रहे हैं, जिससे आम की गुणवत्ता बेहतर होती है और रसायनों का प्रयोग कम होता है।
निर्यात विस्तार:
UK व मिडिल ईस्ट: इस बार मालदा के ऑर्गेनिक आम पहली बार ब्रिटेन और मिडिल ईस्ट के देशों में निर्यात होंगे।
जापान: एक अलग पहल के तहत 1000 टन मालदा आम जापान को निर्यात किए जाएंगे, जिसमें गुणवत्ता नियंत्रण और वेपर हीट ट्रीटमेंट जैसी तकनीकें अपनाई जाएंगी।
USA: केमिकल-फ्री मालदा आम अब USA के बाजार में भी पहुंचेंगे, जो भारतीय फलों के निर्यात के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
लोकप्रिय किस्में: हेमसागर और लंगड़ा जैसी किस्मों की अंतरराष्ट्रीय मांग सबसे अधिक है, जो ऑर्गेनिक तरीके से उगाई जा रही हैं।
गुणवत्ता नियंत्रण:
जिले के बागवानी विभाग ने पैक्लोबुट्राजोल जैसे रसायनों के प्रयोग पर रोक लगाई है और किसानों को केवल अनुमत कीटनाशकों का न्यूनतम उपयोग करने का निर्देश दिया है।
15 ब्लॉक में 4–5 लोगों की टीम द्वारा निरंतर निगरानी की जा रही है।
अगले साल से QR कोड के जरिए ऑर्गेनिक आम की ट्रेसबिलिटी सुनिश्चित की जाएगी।
सरकारी एवं APEDA सहयोग: किसानों को वैज्ञानिक प्रबंधन व निर्यात मानकों की ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
परीक्षा के लिए जरूरी आंकड़े
मालदा में आम की खेती का क्षेत्रफल: ~31,610 हेक्टेयर
कुल अनुमानित उत्पादन (2025): ~3.5 लाख मीट्रिक टन
ऑर्गेनिक आम उत्पादक किसान (2025): 1,000+
प्रमुख निर्यात देश: UK, मिडिल ईस्ट, जापान, USA, इटली, बेल्जियम, जर्मनी
प्रमुख निर्यात किस्में: हेमसागर, लंगड़ा, फजली, गोपालभोग, खिरसापाती, अम्रपाली, मल्लिका, सुवर्णरेखा, लक्ष्मणभोग, दिलसाद
नवाचार: बैगिंग पद्धति, वैज्ञानिक प्रबंधन, QR कोड ट्रेसबिलिटी
मालदा आम निर्यात: भारतीय कृषि के लिए एक मॉडल
किसानों की आय में वृद्धि: सीधा निर्यात और केमिकल-फ्री खेती से किसानों को बेहतर दाम मिलते हैं।
सतत कृषि: ऑर्गेनिक खेती से पर्यावरण पर कम असर और वैश्विक खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन होता है।
भारत की वैश्विक छवि मजबूत: बेहतर गुणवत्ता और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप निर्यात से भारत की पहचान एक अग्रणी फल निर्यातक के रूप में होती है।
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आपकी परीक्षा तैयारी के लिए क्यों महत्वपूर्ण है
GS पेपर 3 (कृषि, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण):
मालदा के ऑर्गेनिक आम निर्यात से सतत कृषि, कृषि निर्यात और सरकारी पहलों जैसे UPSC प्रीलिम्स व मेंस के प्रमुख विषयों को समझने में मदद मिलेगी।
भूगोल व अर्थव्यवस्था:
प्रमुख फसल बेल्ट, निर्यात केंद्र और कृषि विविधीकरण जैसे प्रश्न UPSC, SSC व राज्य PCS परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाते हैं।
विज्ञान एवं तकनीक:
बैगिंग, QR कोड ट्रेसबिलिटी और वेपर हीट ट्रीटमेंट जैसी वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग कृषि में नवाचार से जुड़े प्रश्नों के लिए उपयोगी है।
करंट अफेयर्स लिंक:
यह विषय ग्रामीण विकास, किसानों की आय दोगुनी करने और वैश्विक खाद्य सुरक्षा में भारत की भूमिका जैसे व्यापक मुद्दों से भी जुड़ा है।
टिप:
मालदा के आम निर्यात, ऑर्गेनिक खेती और भारत की कृषि निर्यात नीति पर शॉर्ट नोट्स बनाएं। इन तथ्यों को UPSC सिलेबस के स्थैतिक हिस्सों से जोड़ें ताकि मेंस व प्रीलिम्स में उत्तर को वैल्यू एडिशन मिले।
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