परिचय: अफ्रीका के ‘स्पीड डेमन्स’ विलुप्ति के कगार पर
International Cheetah Day, जिसे 4 दिसंबर को मनाया जाता है, प्रकृति की सबसे अद्भुत रचनाओं में से एक—चीतों—का सम्मान करता है। लेकिन इस उत्सव के पीछे एक गंभीर सच्चाई छिपी है: चीते अफ्रीका की सबसे संकटग्रस्त बड़ी बिल्ली प्रजाति हैं, जिनकी आबादी पिछले चार दशकों में 50% कम हो गई है। वर्ष 2020 तक, जंगली में केवल लगभग 7,100 चीते ही बचे हैं। यह दिवस सिर्फ इन सुंदर जीवों को समर्पित नहीं है, बल्कि यह मानवता की वन्यजीव संरक्षण के प्रति ज़िम्मेदारी का एक महत्वपूर्ण प्रतीक भी है।
UPSC और प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए, International Cheetah Day पर्यावरण संरक्षण, वन्यजीव प्रबंधन, वैश्विक जैव विविधता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग जैसे व्यापक विषयों से जुड़ा है—जो जनरल स्टडीज़ के पाठ्यक्रम में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
International Cheetah Day का इतिहास: ‘Khayam’ से एक वैश्विक आंदोलन तक
संरक्षण की एक अनोखी विरासत की शुरुआत
International Cheetah Day की कहानी एक असाधारण महिला और एक असाधारण चीते से शुरू होती है। 1977 में, अमेरिकी प्राणिविज्ञानी डॉ. लॉरी मार्कर ने नामीबिया में एक ऐतिहासिक प्रयोग किया। वह 'कयाम' नाम के चीते को—जिसे उन्होंने ओरेगन के Wildlife Safari में पाला था—यह जांचने के लिए नामीबिया लाई थीं कि क्या कैप्टिव (कैद में पाले गए) चीते जंगल में स्वतंत्र रूप से शिकार कर सकते हैं।
यह प्रयोग उम्मीद से कहीं अधिक सफल रहा। लेकिन इस दौरान, डॉ. मार्कर ने चीतों के सामने एक बड़े खतरे को देखा—मानव-वन्यजीव संघर्ष। नामीबियाई पशुपालक चीतों को अपने मवेशियों का दुश्मन मानकर उन्हें बड़े पैमाने पर मार रहे थे। यही घटना डॉ. मार्कर के जीवनभर के मिशन की शुरुआत बनी।
Cheetah Conservation Fund: एक निर्णायक मोड़
पशुपालकों और चीतों के बीच संघर्ष को कम करने के लिए, डॉ. मार्कर ने 1991 में Cheetah Conservation Fund (CCF) की स्थापना की। उनकी रणनीति नवोन्मेषी और व्यावहारिक थी—कठोर संरक्षण कानून लागू करने के बजाय, उन्होंने स्थानीय समुदायों को शिक्षित किया और टिकाऊ सह-अस्तित्व के तरीके विकसित किए। यह ‘नीचे से ऊपर’ वाला मॉडल आधुनिक संरक्षण विज्ञान का आधार बन गया।
अपने प्रिय ‘Khayam’ के सम्मान में, डॉ. मार्कर ने 4 दिसंबर—Khayam का जन्मदिन—International Cheetah Day के रूप में घोषित किया, जिसे 2010 से दुनिया भर में मनाया जा रहा है।
चीतों का विलुप्ति संकट: आँकड़ों के साथ समझें
चौंकाने वाली गिरावट
परीक्षा के लिए प्रमुख तथ्य:
वर्तमान जंगली आबादी (2020): लगभग 7,100 चीते
पिछले 40 वर्षों में गिरावट: 50%
ऐतिहासिक वितरण: अफ्रीका, एशिया के कुछ हिस्सों, और मध्य पूर्व
वर्तमान वितरण: मुख्यतः उप-सहारा अफ्रीका, कुछ संख्या ईरान और दक्षिण एशिया में
प्रमुख खतरे: आवास हानि, खाल के लिए शिकार, मानव-वन्यजीव संघर्ष, शिकार प्रजातियों की कमी
चीतों के गायब होने के कारण
1. आवास हानि और विखंडन
तेज़ी से बढ़ते मानव बसाव, कृषि विस्तार और औद्योगिक परियोजनाओं ने चीतों के विशाल प्राकृतिक आवास को नष्ट कर दिया है। चीते शिकार के लिए बड़े, खुले क्षेत्रों पर निर्भर होते हैं, जो अब सीमित होते जा रहे हैं।
2. अवैध शिकार एवं फर व्यापार
इतिहास में चीतों को उनके आकर्षक धब्बेदार फर के लिए मार दिया गया। CITES Appendix I में सुरक्षा के बावजूद कमजोर क्षेत्रों में शिकार जारी है।
3. मानव-वन्यजीव संघर्ष
पशुपालक चीतों को मवेशियों का शिकारी मानते हैं और बदले में उन्हें मार देते हैं—यह संघर्ष संरक्षण बनाम आजीविका का बड़ा मुद्दा है।
4. शिकार प्रजातियों की कमी
जंगलों के सिकुड़ने और मानव शिकार बढ़ने से चीतों को मिलने वाले प्राकृतिक शिकार खत्म हो रहे हैं।
5. आनुवंशिक कमजोरी
चीतों में बहुत कम जेनेटिक विविधता पाई जाती है, जिससे वे बीमारियों और पर्यावरणीय परिवर्तनों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।
वैश्विक संरक्षण प्रयास
Cheetah Conservation Fund का मॉडल
CCF कई अफ्रीकी देशों में निम्नलिखित रणनीतियाँ अपनाती है:
Livestock Guardian Program: प्रशिक्षित कुत्ते और सुरक्षा ढाँचा उपलब्ध कराना
शिक्षा: समुदायों को चीतों की पारिस्थितिकी और भूमिका समझाना
आवास संरक्षण: सरकारों के साथ मिलकर सुरक्षित क्षेत्र और ‘वाइल्डलाइफ़ कॉरीडोर’ बनाना
अनुसंधान: पारिस्थितिकी, आनुवंशिकी और व्यवहार पर निरंतर अध्ययन
अंतरराष्ट्रीय सहयोग
CITES (Appendix I): चीतों का अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रतिबंधित
अफ्रीकी संघ और राष्ट्रीय सरकारें: सीमा-पार संरक्षण योजनाएँ
NGOs: WWF, African Wildlife Foundation आदि संरक्षण का समर्थन करते हैं
International Cheetah Day कैसे मनाएँ
1. संरक्षण संगठनों का समर्थन करें
CCF या अन्य विश्वसनीय संगठनों को दान करें।
2. चीता एम्बेसडर बनें
सोशल मीडिया और समुदायों में जागरूकता फैलाएँ।
3. नीतिगत बदलाव का समर्थन करें
CITES प्रवर्तन, आवास संरक्षण, और टिकाऊ आजीविका नीति का समर्थन करें।
4. ज़िम्मेदार वाइल्डलाइफ़ पर्यटन अपनाएँ
5. अपने पर्यावरणीय प्रभाव को कम करें
यह दिवस क्यों महत्वपूर्ण है
वैश्विक जैव विविधता संकट का प्रतीक
चीतों का विलुप्त होना एक व्यापक पर्यावरणीय विफलता का संकेत है।
मानव प्रयास की शक्ति का उदाहरण
डॉ. मार्कर ने दिखाया कि वैज्ञानिक अनुसंधान और समुदायों के साथ संवाद मिलकर समाधान ला सकते हैं।
तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता
सिर्फ 7,100 चीते बचे हैं—संरक्षण की खिड़की बहुत संकीर्ण हो चुकी है।
UPSC तैयारी के लिए प्रासंगिकता
General Studies Paper I
चीतों का संकट: आवास विखंडन, संकटग्रस्त प्रजातियाँ
समुदाय आधारित संरक्षण मॉडल
अंतरराष्ट्रीय संधियाँ—CITES
General Studies Paper II
मानव-वन्यजीव संघर्ष
ग्रामीण आजीविका बनाम संरक्षण
अंतरराष्ट्रीय सहयोग
General Studies Paper III
सतत पर्यटन
जैव विविधता का आर्थिक मूल्य
जलवायु परिवर्तन और आवास हानि
Current Affairs/Essay
“Conservation and Development: Can They Coexist?”
“Individual Initiative in Environmental Governance”
Prelims: आँकड़े, संस्थाएँ, वर्ष
Mains: केस-स्टडी आधारित प्रश्न
Interview: वास्तविक उदाहरणों का उपयोग प्रभावी होता है
अभ्यर्थियों के लिए प्रमुख सीख
7,100 चीते—50% गिरावट, ऐसे आँकड़े UPSC में आते हैं
मानव-वन्यजीव संघर्ष—सिर्फ पर्यावरण नहीं, शासन का मुद्दा है
समुदाय आधारित संरक्षण—आधुनिक मॉडल
CITES की भूमिका
सिस्टम-थिंकिंग—आवास, जलवायु, अर्थव्यवस्था सब जुड़े हुए हैं
संबंधित विषय
बड़े बिल्ली प्रजाति संरक्षण: चीता बनाम बाघ बनाम सिंह
संरक्षित क्षेत्र
अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण कानून: CITES, Ramsar, CBD
SDG 15: Life on Land
भारत की वन्यजीव नीति
निष्कर्ष: चीता—मानवता की सामूहिक ज़िम्मेदारी
International Cheetah Day सिर्फ उत्सव नहीं—एक आह्वान है। यह विज्ञान, नीति, अर्थव्यवस्था और नैतिकता, सभी को जोड़ने वाला विषय है। UPSC अभ्यर्थियों के लिए यह पर्यावरणीय समस्याओं को ‘सिस्टम दृष्टिकोण’ से समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
डॉ. लॉरी मार्कर का कार्य दिखाता है कि संरक्षण सरकारों और NGOs तक सीमित नहीं—यह नागरिकों की भागीदारी और नवाचार से आगे बढ़ता है। आपकी तैयारी तभी सार्थक होगी जब आप इस ज्ञान को नागरिकता और नीति जागरूकता में बदलेंगे।
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