डब्ल्यूआईपीओ एडवाइजरी बोर्ड की चेयरपर्सन बनीं दिल्ली हाईकोर्ट की जज प्रतिभा एम. सिंह | UPSC करेंट अफेयर्स अक्टूबर 2025

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मुख्य खबर

दिल्ली हाईकोर्ट की जज जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह को विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) के एडवाइजरी बोर्ड ऑफ जजेज की चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल 2025-2027 तक रहेगा। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह पहली भारतीय ही नहीं, बल्कि पहली एशियाई भी हैं।​

इस नियुक्ति को भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण के रूप में देखा जा रहा है। देश की बौद्धिक संपदा विशेषज्ञता व वैश्विक भूमिका को इससे नया आयाम मिला है।​

WIPO और एडवाइजरी बोर्ड क्या है?

WIPO (विश्व बौद्धिक संपदा संगठन)

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) संयुक्त राष्ट्र की एक स्पेशलाइज्ड एजेंसी है, जिसका मुख्यालय जेनेवा (स्विट्जरलैंड) में है। यह संगठन 1967 में स्थापित हुआ और 1970 से कार्यरत है। वर्तमान में इसके 193 सदस्य देश हैं, जिसमें भारत 1 मई 1975 को शामिल हुआ था।

मुख्य कार्य:

अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा और प्रोत्साहन

पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, डिज़ाइन्स आदि से जुड़ी व्यवस्थाओं को वैश्विक स्तर पर सुगम बनाना

देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सहयोग से आईपी डिस्प्यूट्स का समाधान करना

नीतियों, नियमों व जागरूकता अभियानों के जरिए नवाचार व रचनात्मकता को बढ़ावा देना​

WIPO एडवाइजरी बोर्ड ऑफ जजेज

यह बोर्ड दुनिया भर के प्रतिष्ठित जजों का समूह है, जो आईपी मामलों व कानूनी नवाचारों पर WIPO को सलाह देता है। यह जज व्यक्तिगत क्षमता में नियुक्त होते हैं और न्यायपालिका को प्रशिक्षित करने, सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान तथा वैश्विक स्तर पर न्यायिक संवाद को मजबूत करने में सहायक हैं।​

प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल 2 वर्ष का होता है। 2025-2027 के लिए बोर्ड में भारत, पनामा, चीन, कजाकिस्तान, मिस्र, फ्रांस, कनाडा, तंजानिया, लक्जमबर्ग, दक्षिण कोरिया के जज शामिल हैं। जस्टिस प्रतिभा सिंह इसकी चेयरपर्सन हैं।

जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह: परिचय और उपलब्धियां

जस्टिस प्रतिभा सिंह ने यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज, बेंगलुरु से एलएलबी और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (यूके) से एलएलएम किया है, जहां उनके नाम पर 2013 में स्कॉलरशिप शुरू की गई थी।​

1991 में उन्होंने बार में एनरोल किया और देश की प्रमुख आईपी वकील बनीं।

2017 में वे दिल्ली हाईकोर्ट की स्थायी जज बनीं।

दिल्ली हाईकोर्ट की 2021-22 की पहली आई. पी. डिवीजन की चेयरपर्सन व प्रिसाइडिंग जज रहीं।​

संसद की समितियों को पेटेंट, कॉपीराइट व जियोग्राफिकल इंडिकेशन एक्ट में संशोधन हेतु सलाह दी।

बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में वैश्विक विशेषज्ञ व कई बार “50 सबसे प्रभावशाली व्यक्ति (IP)” में चुनी गईं।​

WHO के हेल्थ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रेगुलेशन समूह की सह-अध्यक्ष भी हैं।​

परीक्षा के लिए मुख्य तथ्य (Bullet Points)

जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह, दिल्ली हाईकोर्ट - पहली भारतीय एवं एशियाई, बनीं WIPO एडवाइजरी बोर्ड ऑफ जजेज की चेयरपर्सन (2025-2027)

WIPO (विश्व बौद्धिक संपदा संगठन)—संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी, मुख्यालय जेनेवा, स्थापना: 1967, सदस्य देश: 193

भारत—1975 से सदस्य; हेग, मैड्रिड, पैटेंट, कॉपीराइट, ट्रिप्स समेत 26 WIPO संधियों का हिस्सा

आईपीआर (Intellectual Property Rights)—पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, डिज़ाइन, जीआई के अधिकार; भारत में 1970, 1999, 1957, 2000 आदि क़ानून लागू

GS Paper 2 (International Relations), GS Paper 3 (Economic Development, IPR) व करंट अफेयर्स के लिए महत्त्वपूर्ण

क्यों महत्वपूर्ण है आपकी परीक्षा की दृष्टि से?

यह नियुक्ति भारत की वैश्विक बौद्धिक संपदा नेतृत्व क्षमता को दर्शाती है, जिससे UPSC के GS-2, GS-3, एसे व इंटरव्यू के लिए linking आधारित प्रश्न आ सकते हैं।

UPSC प्रीलिम्स व मेन्स दोनों में अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं, IPR व हालिया भारतीय उपलब्धियों पर सवाल आते हैं।

सरकारी व अंतरराष्ट्रीय नियुक्तियों के “Firsts” को UPSC बार-बार पूछता है — जैसे पहली भारतीय/एशियाई WIPO बोर्ड चेयरपर्सन।

राष्ट्रीय एवं वैश्विक नवाचार, व्यापार, डिजिटल इंडिया, डिजिटल लेजिस्लेशन, इनोवेशन और स्टार्टअप नीति आदि में IP अधिकारों की प्रमुख भूमिका है।

भारत द्वारा हाल ही में WIPO के तहत नई संधियों पर हस्ताक्षर, पारंपरिक ज्ञान व डिजिटल IPR का संरक्षण, जीएस-3 (इनवेशन), जीएस-2 (गवर्नेन्स), एसे आदि में connect करें।

संक्षिप्त सूत्र— अंतरराष्ट्रीय नियुक्तियों, संस्थाओं के तथ्यात्मक बिंदु, IPR से जुड़ी नीतियां, और वर्तमान मामलों को कवर करते हुए उत्तर लिखें व समसामयिक सरकारी दृष्टिकोण जोड़ें। यह समाचार न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि भारत की कानूनी साख, वैश्विक सहभागिता और इनोवेशन ड्राइव की मिसाल है।​

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