परिचय
21 जुलाई 2025 को जगदीप धनखड़ ने भारत के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के कुछ घंटे पहले वे संसद के मानसून सत्र के पहले दिन राज्यसभा में मौजूद थे, जहाँ उन्होंने एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए। उनका इस्तीफा स्वास्थ्य संबंधी कारणों के आधार पर तत्काल प्रभाव से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा गया, जिसे तुरंत स्वीकार कर लिया गया। यह भारत के इतिहास में केवल तीसरा ऐसा अवसर है जब कोई उपराष्ट्रपति कार्यकाल पूरा किए बिना पद छोड़ गया है।
उपस्थित स्थिति में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह कार्यकारी सभापति का कार्यभार संभाल रहे हैं। संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद रिक्त होने के 60 दिनों के भीतर नए उपराष्ट्रपति के चुनाव का आयोजन अनिवार्य है।
घटनाओं का क्रम
21 जुलाई 2025, सुबह 09:45: उपराष्ट्रपति धनखड़ राज्यसभा में उपस्थित, महाभियोग प्रस्ताव को संज्ञान में लेकर आवश्यक निर्देश जारी।
दोपहर 01:00 से 04:30: व्यवसाय सलाहकार समिति बैठक, इस्तीफे की अटकलें तेज।
शाम 07:10: उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रपति को हेल्थ कारणों से इस्तीफा सौंपा।
शाम 07:35: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार किया।
शाम 08:00: राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, कार्यकारी सभापति नियुक्त।
भारतीय संविधान में इस्तीफा और रिक्ति भरने के प्रावधान
अनुच्छेद | विषय | मुख्य बिंदु | परीक्षा के लिए जानकारी |
---|---|---|---|
अनुच्छेद 67(अ) | उपराष्ट्रपति का इस्तीफा | उपराष्ट्रपति अध्यक्ष को लिखित इस्तीफा देकर पद त्याग सकता है। इस्तीफा तत्काल प्रभाव से मान्य होता है। | संविधान स्नातक GS-II |
अनुच्छेद 68(2) | रिक्त पद भरना | उपराष्ट्रपति पद रिक्त होते ही जल्द से जल्द चुनाव कराना अनिवार्य है (सामान्यतः 60 दिन में)। | संविधान स्नातक GS-II |
अनुच्छेद 66(1) | चुनाव की प्रक्रिया | चुनाव में 788 सांसद मतदाता होते हैं; मतदान एकल हस्तांतरणीय मत प्रणाली से होता है। | निर्वाचन प्रणाली |
राज्यसभा नियम 8-A | रिक्ति में सभापति की भूमिका | राज्यसभा के उपसभापति सभापति के कार्यों का निर्वहन करते हैं। | संसदीय कार्यप्रणाली |
अनुच्छेद 67(अ): इस्तीफे की प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति किसी भी समय हस्ताक्षरित लिखित पत्र राष्ट्रपति को भेज कर अपने पद से त्यागपत्र दे सकता है। संविधान के अनुसार, इस्तीफा राष्ट्रपति को प्राप्त होते ही तत्काल लागू हो जाता है, इसके लिए कोई स्वीकृति आवश्यक नहीं।
अनुच्छेद 68(2): रिक्त पद भरने की प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति पद खाली होने के बाद "संभव हो सके उतनी शीघ्रता से" नया चुनाव कराना आवश्यक है। आमतौर पर चुनाव आयोग 60 दिनों के भीतर चुनाव कराने का प्रावधान करता है।
अनुच्छेद 66: उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
चुनावी कॉलेज: भारत की दोनों संसदों के 788 सांसद—543 लोकसभा और 245 राज्यसभा सदस्य (नामित सदस्य सहित)।
मतदान प्रणाली: एकल हस्तांतरणीय मत, जिसमें सदस्य अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार उम्मीदवारों को रैंक करते हैं।
प्रत्याशी प्रस्तावना: 20 समर्थक और 20 अभिकर्ता आवश्यक।
सुरक्षा जमा: ₹15,000।
राज्यसभा के सभापति की भूमिका
उपराष्ट्रपति के पद रिक्त होते ही राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह कार्यकारी सभापति के रूप में सदन का संचालन संभाल रहे हैं। इससे संसदीय कार्रवाई प्रभावित नहीं होती।
पूर्व में पद बीच में छोड़ने वाले उपराष्ट्रपति
वर्ष | उपराष्ट्रपति | कारण | परिणाम | परीक्षा के लिए महत्व |
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1969 | वी.वी. गिरी | राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार | लगभग 34 दिन तक रिक्त पद, नए उपराष्ट्रपति का चुनाव | पहला बीच में इस्तीफे का मामला |
2007 | भूषण सिंह शेखावत | राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार | लगभग 21 दिन रिक्त; नए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी चुने गए | चुनाव प्रक्रिया का उदाहरण |
2025 | जगदीप धनखड़ | स्वास्थ्य कारण | चुनाव प्रक्रिया जारी; उपसभापति कार्यभार संभाले | वर्तमान मामला |
स्वास्थ्य कारण या राजनीतिक पृष्ठभूमि?
धनखड़ ने चिकित्सा सलाह और व्यक्तिगत स्वास्थ्य को कारण बताया है, मगर राजनीतिक गुरु मानते हैं कि न्यायालयों से लेकर संसद तक उनकी सक्रिय भूमिका के कारण कुछ संवैधानिक तनाव भी तूल पकड़ा था। यह परीक्षा में नैतिकता और शासकीय संस्थानों के पारस्परिक संबंधों के लिए एक अच्छा उदाहरण है।
आगामी चुनाव की संभावित रूपरेखा
चरण | अनुमानित अवधि | प्राधिकारी | विवरण |
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चुनाव आयोग द्वारा नोटिफिकेशन जारी करना | 31 जुलाई 2025 तक | चुनाव आयोग | अधिनियम के तहत नोटिफिकेशन |
नामांकन प्रस्तुत करना | 5–14 अगस्त 2025 | Returning Officer | 20 समर्थक + 20 अभिकर्ता जरूरी |
नामांकन की जाँच और नाम वापस लेने की अंतिम तिथि | 16–19 अगस्त 2025 | Returning Officer | नामांकन शुद्धीकरण |
मतदान दिवस | 30 अगस्त 2025 (संभावित) | संसद भवन | सांसद मतदान करेंगे |
मतगणना और परिणाम घोषणा | मतदान के दिन ही | Returning Officer | तुरन्त घोषित परिणाम |
शपथ ग्रहण समारोह | तीन दिनों के अंदर | राष्ट्रपति | नए उपराष्ट्रपति का पद ग्रहण |
उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति पद रिक्ति की तुलना
पहलु | उपराष्ट्रपति | राष्ट्रपति |
---|---|---|
रिक्ति पर चुनाव की सीमा | यथाशीघ्र, सामान्यतः 60 दिन | 6 महीने के अंदर (अनु.62) |
कार्यवाहक प्राधिकारी | राज्यसभा उपसभापति | उपराष्ट्रपति |
निर्वाचन मंडल | केवल सांसद | सांसद + विधायक (लगभग 4800) |
मत की गणना | प्रत्येक मत का मान बराबर | मत मूल्य जनसंख्या के अनुसार अनियमित |
परीक्षा के लिए उपयोगी जानकारी
GS-II के लिए महत्त्वपूर्ण विषय
शक्ति पृथक्करण: उपराष्ट्रपति द्वारा न्यायिक मामलों में हस्तक्षेप।
संघीय संरचना: राष्ट्रपति चुनाव में विधायक शामिल हैं जबकि उपराष्ट्रपति चुनाव केवल सांसदों का मामला है।
योग्यता और पद संभालने की शर्तें: उपराष्ट्रपति की आयु न्यूनतम 35 वर्ष।
GS-IV (नैतिकता)
धनखड़ के इस्तीफे से उत्पन्न प्रश्न: व्यक्तिगत स्वास्थ्य और नैतिक उत्तरदायित्व के बीच संतुलन।
त्वरित तथ्य — प्रीलिम्स के लिए
उपराष्ट्रपति का इस्तीफा देने का अनुच्छेद: 67(अ)
उपराष्ट्रपति का न्यूनतम आयु: 35 वर्ष
पहले मध्यकालीन इस्तीफा देने वाले उपराष्ट्रपति: वी.वी. गिरी (1969)
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान करने वाले सांसदों की संख्या: 788
उपराष्ट्रपति चुनाव में रिक्ति के बाद चुनाव कराए जाने का सीमित काल: 60 दिन
संभावित यूपीएससी मेन विषय
“भारतीय संविधान उपराष्ट्रपति पद की रिक्ति भरने में तत्परता और निरंतरता सुनिश्चित करता है।” अपनी राय संविधान और हाल की घटनाओं के संदर्भ में प्रस्तुत करें।
भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए निर्वाचन प्रणाली की तुलना कीजिए।
“आपकी परीक्षा तैयारी के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है”
सांकेतिक ज्ञान: उपराष्ट्रपति इस्तीफा, चुनाव प्रक्रिया और अनुच्छेद 67 तथा 68 का व्यवहारिक उदाहरण।
गतिशील विश्लेषण: वास्तविक घटनाओं के साथ भारतीय संविधान में पदों की स्थिरता, सत्ता-संतुलन और संसदीय नियम-कानून की समझ।
निबंध और साक्षात्कार: संवैधानिक पदों की संवेदनशीलता, नैतिकता और राजनीतिक दबावों पर सवाल उठाना।
MCQ तैयारी: समय-सीमा (60 दिन), सांसदों की संख्या, संबंधित अधिकारी—ये सब प्रीलिम्स के प्रश्नों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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