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भारत सरकार परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी को बढ़ावा दे रही है, खासतौर पर छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) पर जोर दिया जा रहा है। जानें, इसका महत्व और यह कैसे काम करता है।

भारत में परमाणु ऊर्जा निजी क्षेत्र के लिए क्यों खोली जा रही है?

भारत सरकार ने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने का निर्णय लिया है। अब, छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) के जरिए निजी कंपनियां इस क्षेत्र में निवेश कर सकती हैं। 2025-26 के बजट में SMR के लिए ₹20,000 करोड़ का आवंटन किया गया है, जिससे 2033 तक कम से कम 5 छोटे परमाणु रिएक्टरों का विकास किया जाएगा।

निजी क्षेत्र को परमाणु ऊर्जा में शामिल करने की जरूरत क्यों पड़ी?

परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) को फंडिंग की कमी के कारण अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मुश्किल हो रही थी।

वर्तमान में परमाणु परियोजनाओं का वार्षिक बजट ₹24,000-₹25,000 करोड़ के आसपास है।

वहीं, नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) का बाजार 2023 में ₹2 लाख करोड़ से अधिक का हो गया था।

परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने से फंडिंग और टेक्नोलॉजी में सुधार होगा।

 

किन राज्यों में परमाणु ऊर्जा का विस्तार होगा?

भारत 2031-32 तक परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 8,180 मेगावॉट से बढ़ाकर 22,480 मेगावॉट करने का लक्ष्य रख रहा है। इन राज्यों में नए परमाणु रिएक्टर लगाए जाएंगे:

मध्य प्रदेश

गुजरात

राजस्थान

तमिलनाडु

हरियाणा

कर्नाटक

इसके अलावा, 10 और परमाणु रिएक्टरों के लिए प्री-प्रोजेक्ट एक्टिविटी चल रही है, जो 2032 तक पूरी हो जाएगी

भारत और अमेरिका के सहयोग से आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में 1,208 मेगावॉट क्षमता का परमाणु ऊर्जा प्लांट स्थापित करने की मंजूरी दी गई है।

 

छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) क्या हैं और ये कैसे काम करते हैं?

छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) पारंपरिक बड़े परमाणु रिएक्टरों की तुलना में छोटे, अधिक लचीले और कुशल होते हैं। SMR की क्षमता 20 मेगावॉट से 300 मेगावॉट तक होती है।

SMR और बड़े परमाणु रिएक्टरों की तुलना

प्रकारदैनिक बिजली उत्पादनऑपरेशन की जटिलता
छोटा मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR)72 लाख किलोवॉटसरल
बड़ा परमाणु रिएक्टर2.4 करोड़ किलोवॉटजटिल

SMR छोटे और दूरस्थ क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति के लिए बेहतर समाधान हैं।

 

भारत को छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) की जरूरत क्यों है?

भारत को 2030 तक 500 गीगावॉट बिजली उत्पादन गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों (नवीकरणीय ऊर्जा) से करना है

COP26 सम्मेलन (ग्लासगो, 2021) में भारत ने 5 साल में 50% बिजली अक्षय ऊर्जा से बनाने का वादा किया था

वर्तमान में, भारत की सिर्फ 39% बिजली कोयला मुक्त स्रोतों से आ रही है

Bhabha Atomic Research Centre (BARC) दूरदराज के इलाकों के लिए SMR विकसित कर रहा है

 

निजी कंपनियों को परमाणु ऊर्जा में भागीदारी की अनुमति क्यों दी जा रही है?

भारत का लक्ष्य 2047 तक 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता हासिल करना है।

वर्तमान में, भारत सिर्फ 8,000+ मेगावॉट परमाणु बिजली उत्पन्न कर रहा है।

इस बड़ी छलांग को पूरा करने के लिए निजी निवेश जरूरी है।

किन कंपनियों को SMR योजना से लाभ होगा?

सरकार के SMR प्लान का फायदा इन कंपनियों को मिलेगा:

न्यूस्केल पावर (NuScale Power)

वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक कंपनी (Westinghouse Electric)

जीई हिताची न्यूक्लियर एनर्जी (GE Hitachi Nuclear Energy)

रोल्स रॉयस एक्स-एनर्जी (Rolls-Royce SMR)

होल्टेक इंटरनेशनल (Holtec International)

कैमेको (Cameco - यूरेनियम माइनिंग कंपनी)

भारतीय कंपनियां जो SMR में रुचि ले रही हैं

टाटा पावर: CEO & MD प्रवीर सिन्हा ने SMR परियोजना में भागीदारी की पुष्टि की है।

जिंदल न्यूक्लियर पावर प्राइवेट लिमिटेड: नवीन जिंदल के ग्रुप ने अगले 20 वर्षों में 18 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा उत्पादन की योजना बनाई है।

 

निष्कर्ष: भारत में परमाणु ऊर्जा का भविष्य

निजी कंपनियों के लिए परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के दरवाजे खोलने से भारत की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी और ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों को प्राप्त करने में तेजी आएगी। छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) इस दिशा में गेम चेंजर साबित होंगे

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By Team Atharva Examwise #atharvaexamwise