🔹 संदर्भ:
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर नाटो (NATO - North Atlantic Treaty Organization) को रूस-यूक्रेन युद्ध का कारण बताया है। उनका मानना है कि अगर यूक्रेन को नाटो में शामिल करने की बात न होती, तो रूस यूक्रेन पर हमला नहीं करता। आइए इस विषय को विस्तार से समझते हैं।
नाटो क्या है और इसकी स्थापना क्यों हुई?
- स्थापना वर्ष: 1949
- संस्थापक देश: अमेरिका, कनाडा और 10 यूरोपीय देश
- मुख्य उद्देश्य:
- सदस्य देशों की सामूहिक रक्षा (Collective Defense) सुनिश्चित करना
- शीत युद्ध (Cold War) के दौरान सोवियत संघ के विस्तार को रोकना
- नाटो अनुच्छेद 5 (Article 5): यदि किसी सदस्य देश पर हमला होता है, तो सभी सदस्य देश उसकी रक्षा करेंगे
यूक्रेन युद्ध में नाटो की क्या भूमिका है?
- 2014: रूस ने क्राइमिया पर कब्जा कर लिया, जिससे यूक्रेन की सुरक्षा को खतरा बढ़ा
- 2020: अमेरिका और यूरोपीय देशों ने यूक्रेन को नाटो में जोड़ने की बात शुरू की
- 2022: रूस ने इसे अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए यूक्रेन पर हमला कर दिया
ट्रम्प नाटो को युद्ध के लिए क्यों जिम्मेदार मानते हैं?
- ट्रम्प का दावा है कि रूस नाटो विस्तार को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता रहा है
- उनका मानना है कि अमेरिका को यूरोप की रक्षा का बोझ नहीं उठाना चाहिए
- ट्रम्प के अनुसार, यूरोपीय देश नाटो के रक्षा बजट में पर्याप्त योगदान नहीं देते
2024 में नाटो का बजट और अमेरिका की हिस्सेदारी
- कुल बजट: ₹31,000 करोड़ (लगभग $3.7 बिलियन)
- मुख्य योगदानकर्ता देश:
- 🇺🇸 अमेरिका – 16% (~₹5,000 करोड़)
- 🇩🇪 जर्मनी – 16% (~₹5,000 करोड़)
- 🇬🇧 ब्रिटेन – 11%
- 🇫🇷 फ्रांस – 10.5%
- 🇮🇹 इटली – 8.1%
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By Team Atharva Examwise #atharvaexamwise