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प्रस्तावना:

भारत और अमेरिका के बीच संबंध समय के साथ और प्रगाढ़ होते जा रहे हैं। आर्थिक सहयोग, रक्षा साझेदारी और रणनीतिक हितों के लिहाज से दोनों देश एक-दूसरे के पूरक बनते जा रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा ने इन संबंधों को और मजबूती देने का काम किया है। इस यात्रा में 'मिशन-500' का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके तहत 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक ले जाने की योजना है।

भारत-अमेरिका आर्थिक सहयोग

भारत और अमेरिका के आर्थिक संबंध निरंतर बढ़ रहे हैं। ट्रंप प्रशासन के दौरान, व्यापार संतुलन और शुल्क दरों को लेकर मतभेद जरूर उभरे, लेकिन दोनों देश आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध दिखे। 'मिशन-500' का लक्ष्य इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मिशन-500: आर्थिक सहयोग का नया युग

2030 तक भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने की योजना।

टैरिफ और व्यापार घाटे से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के लिए समझौते की संभावनाएं।

भारतीय और अमेरिकी कंपनियों के बीच साझेदारी बढ़ाने पर जोर।

डिजिटल इकोनॉमी, फार्मा, आईटी और एआई में सहयोग के नए अवसर।

रक्षा और तकनीकी साझेदारी

भारत और अमेरिका रक्षा क्षेत्र में सिर्फ क्रेता-विक्रेता संबंध तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि सह-निर्माण और तकनीकी साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं। हाल ही में:

जेवलिन और स्ट्राइकर हथियारों की खरीद पर सहमति बनी।

सह-उत्पादन (Co-Production) के लिए नई पहल की गई।

'21वीं सदी के लिए अमेरिका-इंडिया कॉम्पैक्ट' की शुरुआत।

आधुनिक रक्षा तकनीक में सहयोग और संयुक्त युद्धाभ्यास की योजना।

ऊर्जा सुरक्षा में सहयोग

भारत की ऊर्जा सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए अमेरिका उसका अहम साझेदार बन सकता है।

अमेरिका से शेल गैस और एलएनजी आयात बढ़ाने पर सहमति।

भारत में स्वच्छ ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं में अमेरिकी निवेश की संभावनाएं।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामरिक सहयोग

अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की भूमिका को अहम मानता है।

क्वाड (Quad) समूह को पुनर्जीवित कर चीन की दखलंदाजी पर अंकुश लगाने की रणनीति।

पश्चिम एशिया और हिंद-प्रशांत में नई भू-राजनीतिक संरचना पर चर्चा।

वैश्विक सहयोग के तहत नई सुरक्षा व्यवस्था विकसित करने की योजना।

आतंकवाद और पाकिस्तान पर सख्त रुख

संयुक्त बयान में आतंकवाद की कड़ी निंदा की गई और पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया गया कि वह अपनी जमीन का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए न होने दे।

मुंबई और पठानकोट हमलों के गुनहगारों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने की मांग।

इस्लामाबाद को आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई करने की सख्त चेतावनी।

भविष्य की संभावनाएं

व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और रणनीतिक सहयोग को और मजबूत करने की संभावनाएं।

प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से यह संकेत मिलता है कि ट्रंप प्रशासन के अगले कार्यकाल में भारत-अमेरिका संबंधों में स्थिरता बनी रहेगी।

2025 तक अमेरिका से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में 30% वृद्धि की संभावना।

अंतरिक्ष, साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और हेल्थकेयर में गहरे सहयोग की संभावना।

निष्कर्ष:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों के लिए एक नया रोडमैप तैयार करने वाली साबित हुई है। 'मिशन-500' जैसे महत्वपूर्ण लक्ष्य के साथ दोनों देशों ने व्यापारिक, सामरिक और रक्षा साझेदारी को नई ऊंचाई पर ले जाने की प्रतिबद्धता जताई है। आने वाले वर्षों में इन संबंधों के और प्रगाढ़ होने की उम्मीद है, जिससे न केवल भारत और अमेरिका बल्कि वैश्विक स्तर पर भी संतुलन स्थापित करने में मदद मिलेगी।

By : team atharvaexamwise