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RBI MPC बैठक 2025: UPSC छात्रों के लिए विस्तृत व्याख्या

प्रसंग (Context):

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने फरवरी 2025 में अपनी बैठक में कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। इनमें सबसे प्रमुख रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती और आगामी वित्त वर्ष के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान शामिल हैं। यह पिछले 5 वर्षों में पहली बार हुआ है जब RBI ने रेपो रेट में कटौती की है।

1. रेपो रेट क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?

  • रेपो रेट (Repurchase Rate) वह दर होती है जिस पर RBI कमर्शियल बैंकों को अल्पकालिक ऋण (Short-term Loan) प्रदान करता है
  • यह मौद्रिक नीति (Monetary Policy) का एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जिसका उपयोग मुद्रास्फीति (Inflation) और तरलता (Liquidity) को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
  • अगर रेपो रेट बढ़ता है → बैंकिंग ऋण महंगा हो जाता है → मांग घटती है → महंगाई कम होती है।
  • अगर रेपो रेट घटता है → बैंक सस्ते में ऋण देते हैं → निवेश और खर्च बढ़ता है → अर्थव्यवस्था को गति मिलती है।

📌 वर्तमान परिवर्तन:
🔹 RBI ने रेपो रेट को 6.5% से घटाकर 6.25% किया, जिससे आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा।

2. RBI ने रेपो रेट में कटौती क्यों की?

इस निर्णय के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:

A. आर्थिक सुधार की आवश्यकता

  • हाल ही में केंद्र सरकार ने व्यक्तिगत आयकर (Income Tax) में कटौती की थी ताकि लोगों की क्रय शक्ति बढ़े और उपभोग में वृद्धि हो।
  • रेपो रेट में कटौती से बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ेगी, जिससे व्यवसाय और उद्योगों को सस्ते दरों पर कर्ज मिलेगा और वे अधिक निवेश कर सकेंगे।

B. आर्थिक सुस्ती (Economic Slowdown) को रोकना

  • FY24-25 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान है, जो पिछले 4 वर्षों में सबसे धीमी होगी।
  • सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण 2025-26 के अनुसार, अगली वित्तीय वर्ष (FY26) में GDP ग्रोथ 6.3% से 6.8% तक रह सकती है
  • RBI ने FY26 के लिए 6.7% की GDP वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो आर्थिक पुनरुद्धार (Economic Recovery) का संकेत है।

C. महंगाई दर में गिरावट

  • FY26 के लिए मुद्रास्फीति (Inflation) 4.2% रहने की संभावना है, जो FY25 में 4.8% थी।
  • दिसंबर 2024 में CPI महंगाई दर 5.22% थी, जो नवंबर के 5.48% से कम रही।
  • खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी आने से महंगाई दर नियंत्रित रही।

3. रेपो रेट में कटौती का प्रभाव

A. कर्ज और EMI होगी सस्ती

  • रेपो रेट में कटौती से ब्याज दरें घटेंगी, जिससे बैंकिंग लोन सस्ते होंगे
  • होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन और बिजनेस लोन की EMI कम हो सकती है

B. निवेश और उपभोग में वृद्धि

  • जब कर्ज सस्ता होगा, तो लोग अधिक खरीदारी और निवेश करेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था में धन का प्रवाह बढ़ेगा
  • कंपनियों को कम लागत पर वित्त उपलब्ध होगा, जिससे वे अधिक उत्पादन और रोजगार के अवसर पैदा कर सकेंगी।

C. स्टॉक मार्केट और वित्तीय बाजारों पर प्रभाव

  • ब्याज दरों में कटौती से शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है, क्योंकि कंपनियों के लिए निवेश करना आसान हो जाएगा।
  • निवेशकों का रुझान बॉन्ड मार्केट और इक्विटी मार्केट की ओर बढ़ेगा।

4. वैश्विक परिस्थितियाँ और भारत पर प्रभाव

  • अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा, मैक्सिको और चीन पर टैरिफ (Import Duty) लगा दिए हैं, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध (Trade War) की आशंका बढ़ गई है
  • इसके चलते डॉलर की कीमत बढ़ी और कई देशों की मुद्राओं पर दबाव पड़ा।
  • RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी मजबूत बनी हुई है, लेकिन रुपया कुछ दबाव में आया है
  • वैश्विक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता बनी हुई है, जिससे भारत के लिए नीति निर्माण चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

5. RBI द्वारा साइबर सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदम

  • ऑनलाइन धोखाधड़ी रोकने के लिए RBI ने अतिरिक्त प्रमाणीकरण (Additional Factor Authentication - AFA) लागू किया
  • भारतीय बैंकों के लिए "bank.in" और अन्य वित्तीय संस्थानों के लिए "fin.in" डोमेन अनिवार्य किया जाएगा।

6. विदेशी मुद्रा (Forex Market) में RBI की भूमिका

  • RBI विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप तब करता है जब अस्थिरता अधिक बढ़ जाती है।
  • भारतीय रुपया हाल के महीनों में दबाव में रहा है, लेकिन RBI स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है।
  • RBI का मुख्य उद्देश्य भारतीय मुद्रा विनिमय दर को स्थिर बनाए रखना है।

7. UPSC परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) के लिए:

  1. रेपो रेट क्या है और इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है?
  2. मौद्रिक नीति समिति (MPC) का गठन कब हुआ था?
  3. RBI द्वारा साइबर सुरक्षा को लेकर कौन-कौन से नए उपाय किए गए हैं?
  4. विदेशी मुद्रा बाजार (Forex Market) में RBI की भूमिका क्या है?

मुख्य परीक्षा (Mains) के लिए:

  1. रेपो रेट में कटौती से भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे लाभ मिल सकता है?
  2. मौद्रिक नीति और राजकोषीय नीति के बीच समन्वय क्यों आवश्यक है?
  3. वैश्विक व्यापार युद्ध (Trade War) और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव पर चर्चा करें।
  4. महंगाई और आर्थिक वृद्धि के बीच संतुलन बनाए रखने में RBI की भूमिका का विश्लेषण करें।

🔹 मुख्य बिंदु (Key Highlights)

रेपो रेट: 6.5% से घटाकर 6.25% किया गया।
GDP ग्रोथ: FY26 में 6.7% रहने का अनुमान।
मुद्रास्फीति: FY26 में 4.2% रहने की संभावना।
EMI होगी सस्ती: होम लोन, कार लोन, बिजनेस लोन पर असर।
साइबर सुरक्षा: डिजिटल भुगतान को सुरक्षित बनाने के लिए नए उपाय।
RBI का हस्तक्षेप: विदेशी मुद्रा बाजार में स्थिरता बनाए रखने पर ध्यान।
वैश्विक प्रभाव: अमेरिकी टैरिफ और व्यापार युद्ध की आशंका का असर।

By : team atharvaexamwise

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