प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025: वीर बाल दिवस पर सम्मानित हुए 20 असाधारण युवा नायक

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परिचय: भारत के युवा चैंपियनों का उत्सव

26 दिसंबर 2025 को भारत ने वीर बाल दिवस को गहन भावनात्मक और राष्ट्रीय महत्व के साथ मनाया—यह दिन न केवल गुरु गोबिंद सिंह के वीर पुत्रों के बलिदान की स्मृति का प्रतीक था, बल्कि उन 20 असाधारण बच्चों को सम्मानित करने का अवसर भी बना, जो उसी साहस, त्याग और सेवा की भावना को अपने जीवन में जी रहे हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) 2025 प्रदान किए, जो छह श्रेणियों में युवा नागरिकों की उत्कृष्ट उपलब्धियों को मान्यता देता है। यह वार्षिक पुरस्कार अब प्रेरणा का एक प्रकाशस्तंभ बन चुका है, जो दिखाता है कि भारत के युवा राष्ट्र निर्माण में किस प्रकार योगदान दे रहे हैं और देशभक्ति व उत्कृष्टता के सर्वोच्च आदर्शों की सेवा कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह के महत्व को रेखांकित करते हुए साहिबज़ादों की अद्वितीय वीरता और आज के पुरस्कार विजेताओं की उपलब्धियों के बीच समानता स्थापित की और राष्ट्र को स्मरण कराया कि ऐसा साहस सदियों से चला आ रहा है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार क्या है?

पीएमआरबीपी 5 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए भारत का सर्वोच्च राष्ट्रीय नागरिक सम्मान है, जो विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उत्कृष्टता को मान्यता देता है। यह पुरस्कार युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और सम्मानित करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है तथा इसके साथ व्यापक पहचान और ठोस सहयोग भी जुड़ा है।

पुरस्कार लाभ:

नकद पुरस्कार: प्रति प्राप्तकर्ता ₹1,00,000

पुस्तक वाउचर: प्रति प्राप्तकर्ता ₹10,000

पदक, प्रमाण पत्र और प्रशस्ति पत्र

राष्ट्रीय स्तर पर पहचान और मीडिया कवरेज

शैक्षणिक एवं करियर उन्नति के अवसर

पुरस्कार श्रेणियाँ (2025):

बहादुरी (Bravery) – असाधारण साहस और जीवन-रक्षक वीरता के कार्य

सामाजिक सेवा (Social Service) – समुदाय के लिए निस्वार्थ सेवा

खेल (Sports) – खेल उपलब्धियों में उत्कृष्टता

कला एवं संस्कृति (Art & Culture) – उत्कृष्ट कलात्मक और सांस्कृतिक योगदान

पर्यावरण (Environment) – संरक्षण और पर्यावरणीय उत्कृष्टता

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science & Technology) – नवाचार और वैज्ञानिक उन्नति

2025 के 20 पुरस्कार विजेताओं से मिलिए

1. वैभव सूर्यवंशी (14) – बिहार | खेल उत्कृष्टता

सिर्फ 14 वर्ष की आयु में, वैभव सूर्यवंशी ने अप्रैल 2025 में आईपीएल इतिहास को नया रूप दिया और भारतीय प्रीमियर लीग में शतक लगाने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी बने। राजस्थान रॉयल्स के लिए गुजरात टाइटन्स के खिलाफ उनकी 38 गेंदों में शतक वाली पारी आईपीएल इतिहास की दूसरी सबसे तेज शतकीय पारी रही, जो केवल क्रिस गेल की 30 गेंदों की पारी से पीछे है।

रिकॉर्ड-तोड़ उपलब्धियाँ:

दूसरा सबसे तेज आईपीएल शतक (38 गेंदों में 101 रन)

मैच जिताऊ पारी में 11 छक्के और 7 चौके

सबसे कम उम्र के रणजी क्रिकेट खिलाड़ी

भारतीय क्रिकेट में टी20 और लिस्ट-ए के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी

आईपीएल शतक में 93.06% रन बाउंड्री से — अब तक का सबसे अधिक बाउंड्री प्रतिशत

मात्र 17 गेंदों में 50 रन और 35 गेंदों में 100 रन पूरे किए

उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी शैली और इतनी कम उम्र में परिपक्वता ने उन्हें दिग्गज भारतीय क्रिकेटरों से तुलना के योग्य बना दिया है और वे उभरते युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।

2. श्रवण सिंह (10) – पंजाब | सामाजिक सेवा एवं देशभक्ति

2025 की सबसे प्रेरणादायक कहानियों में से एक, पंजाब के फिरोजपुर ज़िले के चक तारा वाली गांव के 10 वर्षीय श्रवण सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025) के दौरान असाधारण साहस का परिचय दिया। भारत-पाक सीमा से मात्र 2 किलोमीटर दूर स्थित उनका गांव सैन्य गतिविधियों का केंद्र बन गया था, लेकिन कक्षा 4 के इस छात्र ने भय को अपने कर्तव्य के आड़े नहीं आने दिया।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान असाधारण साहस:

जब भारतीय सेना के जवान ड्रोन हमलों का सामना कर रहे थे, तब श्रवण ने हर दिन सैनिकों के लिए पानी, बर्फ, चाय, दूध और लस्सी पहुंचाने का निर्णय लिया। गोलियों की आवाज़ और दुश्मन ड्रोन की उपस्थिति के बावजूद उसने सेवा जारी रखी।

पुरस्कार प्राप्त करने के बाद श्रवण ने कहा:
“जब पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, तो सैनिक हमारे गांव आए। मैंने सोचा कि मुझे उनकी सेवा करनी चाहिए। मैं रोज़ दूध, चाय, छाछ और बर्फ लेकर जाता था। मुझे पुरस्कार मिलने पर बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने कभी ऐसा सपना नहीं देखा था।”

उनके पिता सोना सिंह (किसान और डेयरी व्यवसायी) और माता संतोष रानी ने अपने बेटे के निर्णय पर पूर्ण समर्थन और गर्व व्यक्त किया।

मान्यता और सहयोग:

भारतीय सेना द्वारा ‘सबसे युवा नागरिक योद्धा’ के रूप में सम्मान

गोल्डन एरो डिवीजन द्वारा भविष्य की शिक्षा में सहायता की घोषणा

मेजर जनरल रणजीत सिंह मनराल द्वारा व्यक्तिगत रूप से सम्मान

भविष्य में भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने की आकांक्षा

श्रवण का यह कार्य केवल सेवा नहीं था, बल्कि सिख परंपरा के वंड छकना (साझा करना और सेवा) के सिद्धांत का जीवंत उदाहरण था।

3. व्योमा प्रिया (8/9) – तमिलनाडु | बहादुरी (मरणोपरांत)

समारोह में उन बच्चों को भी सम्मानित किया गया जिनका सर्वोच्च बलिदान साहस के सर्वोच्च आदर्शों को दर्शाता है। चेन्नई की 8 वर्षीय व्योमा प्रिया ने एक छोटे बच्चे को बचाने के प्रयास में अपना जीवन बलिदान कर दिया।

दुखद वीरता:

अपने आवासीय परिसर के पार्क में खेलते समय एक 6 वर्षीय बच्चा धातु की स्लाइड पर गिर गया, जो क्षतिग्रस्त भूमिगत केबल के कारण विद्युत प्रवाहित हो रही थी। बच्चे को बचाने के प्रयास में व्योमा विद्युत संपर्क में आ गई। बच्चा बच गया, लेकिन व्योमा नहीं।

सम्मान और परिवार की प्रतिक्रिया:

पुरस्कार उनकी माता अर्चना शिवरामकृष्णन ने ग्रहण किया। उन्होंने इसे “कड़वा-मीठा” क्षण बताया और कहा कि वे चाहती थीं कि व्योमा स्वयं यह सम्मान प्राप्त करती।

4. कमलेश कुमार (11) – बिहार | बहादुरी (मरणोपरांत)

बिहार के 11 वर्षीय कमलेश कुमार ने डूबते हुए एक बच्चे को बचाने के प्रयास में अपना जीवन गंवा दिया।

डूबने से बचाने की घटना:

कैमूर ज़िले के जयपुर गांव के पास दुर्गावती नदी में नहाते समय एक बच्चा डूबने लगा। कमलेश ने उसे बचा लिया, लेकिन स्वयं डूब गया।

20 घंटे की खोज के बाद उनका शव उनके गांव से 15 किलोमीटर दूर अकोढ़ी मेला क्षेत्र में मिला।

वीर बाल दिवस (26 दिसंबर) का महत्व

यह पुरस्कार वीर बाल दिवस पर दिए गए, जो गुरु गोबिंद सिंह के चार पुत्रों — साहिबज़ादों — के बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है।

चार साहिबज़ादे:

साहिबज़ादाआयुबलिदान
अजीत सिंह18चमकौर युद्ध
जुजहार सिंह14चमकौर युद्ध
ज़ोरावर सिंह9सिरहिंद में शहीद
फतेह सिंह7सिरहिंद में शहीद

ऑपरेशन सिंदूर: 2025 पुरस्कारों का संदर्भ

ऑपरेशन सिंदूर 6-10 मई 2025 के बीच पहलगाम आतंकी हमले (26 मृत) के जवाब में किया गया भारत का सैन्य अभियान था।

मुख्य बिंदु:

9 आतंकी प्रशिक्षण शिविर नष्ट

लक्ष्य: जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिज़्बुल मुजाहिदीन

नागरिक या सैन्य ठिकानों को नुकसान नहीं

2025 पुरस्कार आवेदन विवरण

पात्रता:

आयु: 5–18 वर्ष

भारतीय नागरिक

उपलब्धि पिछले 2 वर्षों में हुई हो

पोर्टल: https://awards.gov.in

परीक्षा तैयारी के लिए महत्व

UPSC GS-IV (Ethics): आत्मबलिदान, सेवा, कर्तव्य

करंट अफेयर्स: राष्ट्रीय पुरस्कार, सैन्य अभियान

इतिहास एवं संस्कृति: सिख इतिहास, वीर बाल दिवस

खेल GK: आईपीएल रिकॉर्ड

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025 समारोह ने साहस, त्याग, देशभक्ति और उत्कृष्टता जैसे भारतीय मूल्यों को उजागर किया। ये युवा नायक भारत के भविष्य की आशा हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए यह विषय बहुआयामी दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।