भूमिका: भारतीय शिल्पकला की विश्व स्तरीय उपलब्धि
उत्तर प्रदेश के भदोही शहर ने एक बार फिर भारत की पारंपरिक शिल्पकला को वैश्विक मंच पर स्थापित किया है। 7 अक्टूबर 2025 को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने आधिकारिक रूप से भदोही में निर्मित विश्व के सबसे बड़े हस्तनिर्मित (hand-tufted) कालीन को मान्यता प्रदान की। यह कालीन कजाख्स्तान की राजधानी अस्ताना की ग्रैंड मस्जिद में बिछाया गया है, जो मध्य एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद है।
यह उपलब्धि न केवल भारतीय कारीगरों की कुशलता का प्रमाण है, बल्कि भारत-कजाखस्तान के बीच बढ़ते सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों का भी प्रतीक है।
विश्व रिकॉर्ड कालीन: प्रमुख तथ्य
आकार और माप
12,464.29 वर्ग मीटर (1,34,164 वर्ग फुट 72 वर्ग इंच) में फैला यह विशाल कालीन 'जन्नतुल फिरदौस' (Jannatul Firdaus) नाम से जाना जाता है। कालीन के केंद्र में 70 मीटर व्यास का एक गोलाकार मेडलियन डिजाइन है, जो इसकी सबसे बड़ी विशेषता है।
निर्माण प्रक्रिया
निर्माण अवधि: जनवरी से जून 2021 के बीच छह महीने में पूर्ण
कारीगर: 1,000 से अधिक कुशल कारीगरों ने योगदान दिया
स्थापना समय: मस्जिद में बिछाने में 50 दिन लगे
लागत: लगभग 12-13 करोड़ रुपए
निर्माणकर्ता: पटोडिया कॉन्ट्रैक्ट (Hands Carpets का मूल संगठन)
सामग्री और डिजाइन
कालीन को 125 अलग-अलग टुकड़ों में तैयार किया गया, प्रत्येक टुकड़ा 5 मीटर x 25 मीटर का था। पूरी तरह से न्यूजीलैंड के ऊन से बुना गया यह कालीन अरबी-फारसी शैली में डिजाइन किया गया है, जिसमें नीले, हरे, सफेद और इंडिगो रंगों के शेड हैं।
निर्माण में केवल तीन औजारों का उपयोग किया गया - टफ्टिंग गन, कैंची और धातु के फ्रेम, जबकि अधिकांश काम हाथों से किया गया।
अस्ताना ग्रैंड मस्जिद: मध्य एशिया का वास्तुशिल्प चमत्कार
प्रमुख विशेषताएं
क्षेत्रफल: 57,000 वर्ग मीटर में फैली
क्षमता: 10,000 लोग एक साथ नमाज अदा कर सकते हैं
मुख्य गुंबद: दुनिया का सबसे बड़ा गुंबद, 83.2 मीटर ऊंचा और 62 मीटर व्यास
मीनारें: 130 मीटर ऊंची चार मीनारें, जो इस्लाम के पांच स्तंभों का प्रतीक हैं
प्रवेश द्वार: 12.4 मीटर ऊंचा, अफ्रीकी इरोको लकड़ी से निर्मित, विश्व का सबसे ऊंचा लकड़ी का प्रवेश द्वार (वजन 1.5 टन)
निर्माण वर्ष: 2022
मस्जिद की दीवारों पर 99 नामों वाली 100 मीटर लंबी और 22.4 मीटर ऊंची मोज़ेक दीवार है, जिसमें 2.5 करोड़ विभिन्न रंगों के कांच लगे हैं। कुरान की 197.8 मीटर लंबी कैलीग्राफी स्क्रॉल भी मस्जिद की प्रमुख विशेषता है।
भदोही: भारत की कालीन राजधानी
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भदोही में कालीन बुनाई की परंपरा 16वीं शताब्दी में मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल से चलती आ रही है। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, फारसी मास्टर बुनकर भारत यात्रा के दौरान भदोही के मधोसिंघ गांव में रुके और यहां पहला करघा स्थापित किया।
भौगोलिक संकेत (GI) टैग
4 सितंबर 2010 को भदोही के हस्तनिर्मित कालीन को भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्रदान किया गया। यह टैग भदोही-मिर्जापुर सहित नौ जिलों (भदोही, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर, सोनभद्र, कौशाम्बी, इलाहाबाद, जौनपुर और चांदौली) में निर्मित कालीनों को कवर करता है।
आर्थिक महत्व
भदोही-मिर्जापुर क्षेत्र दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा हस्तनिर्मित कालीन बुनाई केंद्र है
लगभग 32 लाख लोग (22 लाख ग्रामीण कारीगर) इस उद्योग में कार्यरत हैं
भारत के कुल कालीन निर्यात का 60% से अधिक भदोही से होता है
वार्षिक निर्यात मूल्य 17,000+ करोड़ रुपए (लगभग 1.39 बिलियन डॉलर)
प्रमुख निर्यात बाजार: अमेरिका (58.6%), जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप
उत्पादन विविधता
भदोही में विभिन्न प्रकार के कालीन बनाए जाते हैं, जिनमें हैंड-नॉटेड, कॉटन धुर्री, छप्रा मीर, लोरीबफ्ट, इंडो-गब्बेह, और इंडो-पर्शियन डिजाइन शामिल हैं।
भारत-कजाखस्तान संबंध: आर्थिक और सांस्कृतिक आयाम
व्यापार और निवेश
कजाखस्तान भारत का मध्य एशिया में सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2024 में द्विपक्षीय व्यापार 974.9 मिलियन डॉलर रहा। कजाखस्तान से भारत का निर्यात 464.2 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। 2005 से अब तक भारत से कजाखस्तान में 500 मिलियन डॉलर से अधिक का प्रत्यक्ष निवेश हुआ है।
संस्थागत ढांचा
1993 में स्थापित भारत-कजाखस्तान अंतर-सरकारी आयोग (IGC) द्विपक्षीय सहयोग के लिए शीर्ष संस्थागत तंत्र है। नौ संयुक्त कार्य समूह (JWG) विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, जिनमें व्यापार, रक्षा, परिवहन, सूचना प्रौद्योगिकी और हाइड्रोकार्बन शामिल हैं।
भविष्य की संभावनाएं
दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को 3 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। दिल्ली-अस्ताना के बीच सीधी उड़ानें मई 2025 से शुरू होने की योजना है, जो व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगी।
भारतीय कालीन उद्योग: वैश्विक परिदृश्य
वैश्विक बाजार में स्थिति
भारत विश्व में हस्तनिर्मित कालीनों के उत्पादन और निर्यात में शीर्ष स्थान रखता है। भारत वैश्विक हस्तनिर्मित कालीन निर्यात का लगभग 35-40% हिस्सा संभालता है।
वित्त वर्ष 2024 प्रदर्शन
कुल निर्यात: 1.39 बिलियन डॉलर
जून 2024 में निर्यात: 121.44 मिलियन डॉलर (जून 2023 में 109.76 मिलियन डॉलर से अधिक)
2017-18 से वार्षिक वृद्धि दर (CAGR): 7%
सरकारी पहल
राज्य और केंद्रीय करों की छूट (RoSCTL) योजना
पूर्व शिक्षण की मान्यता (RPL) कार्यक्रम - 74,891 कारीगरों को लाभान्वित
35 हस्तशिल्प तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र - 2,476 कारीगरों को प्रशिक्षण
अक्टूबर 2023 में एशिया की सबसे बड़ी India Carpet Expo (ICE) का आयोजन, जिसमें 45 देशों से 350 विदेशी खरीदार शामिल हुए
चुनौतियां
उद्योग कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनमें अमेरिकी 50% टैरिफ, चीन और तुर्की से मशीन-निर्मित कालीनों की प्रतिस्पर्धा, कुशल कारीगरों की कमी, और अपर्याप्त बुनियादी ढांचा शामिल हैं।
Why This Matters for Your Exam Preparation
UPSC Prelims Perspective
यह विषय स्टैटिक जीके और करंट अफेयर्स दोनों के लिए महत्वपूर्ण है:
भौगोलिक संकेत (GI) टैग: भदोही कालीन GI टैग का एक प्रमुख उदाहरण है। GS Paper I (भारतीय संस्कृति) और GS Paper III (अर्थव्यवस्था) में पूछे जा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश का औद्योगिक परिदृश्य: भदोही को "कालीन सिटी" के रूप में जानना आवश्यक है। राज्य-विशिष्ट उद्योग से संबंधित प्रश्न प्रीलिम्स में नियमित रूप से पूछे जाते हैं।
भारत-मध्य एशिया संबंध: कजाखस्तान भारत का सबसे बड़ा मध्य एशियाई व्यापारिक साझेदार है। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर आधारित प्रश्नों के लिए महत्वपूर्ण।
निर्यात प्रोत्साहन योजनाएं: RoSCTL, MEIS/RODTEP जैसी योजनाओं की जानकारी अर्थव्यवस्था अनुभाग के लिए उपयोगी है।
UPSC Mains Perspective
GS Paper I (भारतीय संस्कृति और विरासत): मुगल काल से चली आ रही पारंपरिक शिल्पकला का आधुनिक परिप्रेक्ष्य में संरक्षण और प्रोत्साहन।
GS Paper III (अर्थव्यवस्था):
हस्तशिल्प उद्योग का रोजगार सृजन में योगदान (22 लाख कारीगर)
निर्यात प्रोत्साहन नीतियां और व्यापार संतुलन
MSME सेक्टर की चुनौतियां और समाधान
GS Paper II (अंतर्राष्ट्रीय संबंध): भारत-कजाखस्तान द्विपक्षीय संबंध, मध्य एशिया में भारत की सॉफ्ट पावर, और सांस्कृतिक कूटनीति।
Essay Topics: "भारतीय हस्तशिल्प: परंपरा और आधुनिकता का संगम", "सॉफ्ट पावर के रूप में संस्कृति", "ग्रामीण रोजगार और पारंपरिक उद्योग"।
State PCS Exams (विशेषकर UPPSC)
उत्तर प्रदेश के विशिष्ट उद्योगों पर आधारित प्रश्न:
भदोही किस उद्योग के लिए प्रसिद्ध है?
किन जिलों को भदोही कालीन का GI टैग प्राप्त है?
कालीन उद्योग में कितने लोग कार्यरत हैं?
Other Competitive Exams
बैंकिंग, SSC, और रेलवे परीक्षाओं में स्टैटिक जीके खंड में यूपी के प्रमुख उद्योग, GI टैग उत्पाद, और हाल की उपलब्धियों से प्रश्न पूछे जाते हैं।
Interview/Personality Test Utility
यह विषय निम्नलिखित आयामों पर चर्चा के लिए उपयुक्त है:
पारंपरिक उद्योगों का आधुनिकीकरण
ग्रामीण रोजगार और कौशल विकास
सांस्कृतिक कूटनीति के माध्यम से भारत की सॉफ्ट पावर
वैश्वीकरण के युग में स्थानीय शिल्प का संरक्षण
Key Takeaways for Aspirants
भदोही = कालीन सिटी (GI टैग 2010)
गिनीज रिकॉर्ड: 12,464.29 वर्ग मीटर, 7 अक्टूबर 2025 को मान्यता
अस्ताना ग्रैंड मस्जिद: मध्य एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद, 2022 में निर्मित
भारत का निर्यात योगदान: 60% कालीन निर्यात भदोही से
कजाखस्तान: भारत का सबसे बड़ा मध्य एशियाई व्यापारिक साझेदार
यह समाचार भारत की सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक क्षमता, और वैश्विक कूटनीति के बीच संबंध को दर्शाता है - जो सभी UPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यंत प्रासंगिक हैं।
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