भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का ट्रायल: 28 जुलाई 2025 की बड़ी करेंट अफेयर्स | UPSC डेली GK अपडेट

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28 जुलाई 2025 को भारतीय रेलवे ने एक नया इतिहास रच दिया है — देश की पहली हाइड्रोजन पावर्ड ट्रेन कोच का सफल परीक्षण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF), चेन्नई में पूरा हुआ। यह उपलब्धि भारत के ग्रीन ट्रांसपोर्ट मिशन की दिशा में महत्वपूर्ण पड़ाव है और UPSC एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

हाइड्रोजन ट्रेन: मुख्य तथ्य और विशेषताएं

तकनीकी विवरण

भारत की 1,200 हॉर्सपावर वाली हाइड्रोजन ट्रेन दुनिया की सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन संचालित रेल इंजन बन गई है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, यह तकनीक भारत को हाइड्रोजन ट्रेन तकनीकी में वैश्विक नेतृत्व की पंक्ति में खड़ा कर देती है।

मुख्य विशेषताएं:

इंजन की क्षमता: 1,200 हॉर्सपावर (दुनिया में सबसे अधिक)

यात्री क्षमता: 2,638 यात्री (8 कोच की संरचना)

अधिकतम गति: 110 किमी प्रति घंटा

हाइड्रोजन भंडारण: 3 विशेष कोच हाइड्रोजन सिलेंडरों के लिए

तुलनात्मक स्थिति

वर्तमान में सिर्फ 4 देश—जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन और चीन—हाइड्रोजन ट्रेनें चलाते हैं, जिनकी पावर 500–600 हॉर्सपावर है। भारत की 1,200 HP इंजन सभी को पीछे छोड़ती है।

प्रोजेक्ट का विकास व टाइमलाइन

प्रोजेक्ट की शुरुआत

यह प्रोजेक्ट 2020-21 में नॉर्दर्न रेलवे द्वारा शुरू किया गया था। कुल लागत करीब ₹136 करोड़ है, जिसमें निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है।

परीक्षण: चरणबद्ध विकास

मार्च 2025: हरियाणा के जींद-सोनीपत रूट पर पहला ट्रायल

25 जुलाई 2025: ICF चेन्नई में ड्राइविंग पावर कार का सफल परीक्षण

31 अगस्त 2025: पूरी ट्रेन का रोलआउट

भारत के ग्रीन रेलवे मिशन में महत्व

नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य 2030

भारतीय रेलवे ने 2030 तक नेट- ज़ीरो कार्बन एमिशन का लक्ष्य रखा है; हाइड्रोजन ट्रेन इस मकसद में अहम रहेगी।

प्रमुख पहलों में:

100% विद्युतीकरण: ब्रॉड गेज नेटवर्क का

नवीकरणीय ऊर्जा: 2029-30 तक 30,000 मेगावाट आवश्यक

हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज: 35 हाइड्रोजन ट्रेनों की योजना

पर्यावरणीय लाभ

हाइड्रोजन ट्रेन से सिर्फ जल वाष्प निकलती है—इसका अर्थ, शून्य कार्बन उत्सर्जन। एक हाइड्रोजन ट्रेन 400 कारों के बराबर वार्षिक CO₂ उत्सर्जन को घटा सकती है।

अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में भारत की स्थिति

वैश्विक हाइड्रोजन रेल नेटवर्क

जर्मनी: कोराडिया iLint (दुनिया की पहली हाइड्रोजन ट्रेन)

फ्रांस: AGC हाइड्रोजन ट्रेनों का परीक्षण

जापान: JR ईस्ट की हाइड्रोजन परियोजना

चीन: CRH380D का हाइड्रोजन वर्शन

भारत का 1,200 HP इंजन इन सभी से अधिक शक्तिशाली है, जिससे भारत वैश्विक हाइड्रोजन रेल तकनीक में नेता बन गया है।

आर्थिक और रणनीतिक महत्व

ऊर्जा सुरक्षा

हाइड्रोजन ट्रेन ईंधन आयात पर निर्भरता कम करेगी और भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत बनाएगी।

रोजगार सृजन

इस प्रोजेक्ट से हाइड्रोजन इकोसिस्टम का विकास होगा, जिससे नए तकनीकी रोजगार के मौके बनेंगे।

चुनौतियां और समाधान

मुख्य चुनौतियां

हाइड्रोजन भंडारण: उच्च दबाव में स्टोरेज आवश्यक

ईंधन भराई इन्फ्रास्ट्रक्चर: व्यापक हाइड्रोजन स्टेशन नेटवर्क की जरूरत

प्रारंभिक लागत: सामान्य ट्रेनों से अधिक निवेश

सरकारी समाधान

नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन: बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन उत्पादन की योजना

इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: जींद में हाइड्रोजन स्टोरेज फैसिलिटी

भविष्य की योजनाएं

हेरिटेज और हिल रूट्स

“हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज” के तहत 35 हाइड्रोजन ट्रेनें हेरिटेज व पहाड़ी मार्गों पर चलाने की योजना है।

व्यावसायिक संचालन

2025 के अंत तक जींद-सोनीपत रूट पर व्यावसायिक संचालन शुरू होने की संभावना है।

अन्य संबंधित घटनाक्रम

भारत–मालदीव सहयोग

28 जुलाई 2025 को पीएम मोदी ने मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ पर भाग लिया और 6 नए समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिसमें मत्स्य पालन एवं डिजिटल सहयोग शामिल हैं।

“आपकी परीक्षा की तैयारी के लिए क्यों है यह महत्वपूर्ण”

यह विषय UPSC 2025-26 के लिए इन कारणों से बेहद अहम है:

प्रीलिम्स के लिए:

पहली भारतीय हाइड्रोजन ट्रेन का ICF चेन्नई में सफल परीक्षण

1,200 HP — विश्व की सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन ट्रेन इंजन

2030 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य

हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज पहल

मेंस के लिए:

ग्रीन ट्रांसपोर्ट और सतत विकास

जलवायु परिवर्तन और कार्बन न्यूट्रैलिटी

ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता

तकनीकी नवाचार और आर्थिक विकास

करंट अफेयर्स की लिंकिंग:

नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन

आत्मनिर्भर भारत अभियान

पेरिस जलवायु समझौता और भारत की प्रतिबद्धताएँ

यह घटना न केवल परीक्षा के दृष्टिकोण से, बल्कि भारत के सतत विकासपर्यावरण सुरक्षा के लिए भी एक ऐतिहासिक कदम है।