UPSC करेंट अफेयर्स 27 मई 2025: भारत फोरकास्टिंग सिस्टम (BFS) – भारत ने लॉन्च किया विश्व का सबसे सटीक 6 किमी मौसम मॉडल

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भारत फोरकास्टिंग सिस्टम (BFS): मौसम विज्ञान में भारत की ऐतिहासिक छलांग

26 मई 2025 को भारत ने भारत फोरकास्टिंग सिस्टम (BFS) लॉन्च किया, जो पुणे स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मैटिओरोलॉजी (IITM) द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक न्यूमैरिकल वेदर प्रिडिक्शन मॉडल है। 6 किमी स्थानिक रिज़ोल्यूशन के साथ, BFS भारत को पहला ऐसा देश बनाता है जो हाइपर-लोकल मौसम पूर्वानुमान देने में सक्षम है। अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप (9–14 किमी रिज़ोल्यूशन) की प्रणालियों की तुलना में यह कहीं अधिक उन्नत है। यह नवाचार कृषि, आपदा प्रबंधन और जलवायु लचीलापन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।

BFS की मुख्य विशेषताएँ

विश्व का सबसे उच्च रिज़ोल्यूशन:
BFS 6 किमी × 6 किमी ग्रिड पर कार्य करता है, जिससे गांव स्तर तक मौसम पूर्वानुमान संभव है। पहले भारत की 12 किमी ग्रिड प्रणाली 4–5 गांवों के लिए एक ही पूर्वानुमान देती थी, अब BFS हर गांव के लिए अलग पूर्वानुमान देगा।

AI और मशीन लर्निंग का उपयोग:
पहली बार, AI/ML एल्गोरिद्म्स का उपयोग अल्पकालिक (2 घंटे) और दीर्घकालिक पूर्वानुमान में किया गया है, जिससे अत्यधिक वर्षा की भविष्यवाणी में 30% और मानसून कोर ज़ोन की सटीकता 64% तक बढ़ी है।

अर्का सुपरकंप्यूटर की शक्ति:
11.77 पेटाफ्लॉप्स क्षमता वाले अर्का सुपरकंप्यूटर (33 पेटाबाइट स्टोरेज) द्वारा संचालित, BFS अब केवल 4 घंटे में डेटा प्रोसेसिंग कर सकता है, जबकि पहले 10 घंटे लगते थे।

ओपन एक्सेस – वैश्विक सहयोग:
BFS के आउटपुट दुनियाभर के मौसम वैज्ञानिकों के लिए खुले हैं, जिससे वैश्विक अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।

BFS के भारत के लिए लाभ

कृषि: किसानों को सटीक वर्षा, तापमान और तूफान की जानकारी मिलेगी, जिससे फसल नुकसान कम होगा।

आपदा प्रबंधन: बाढ़, चक्रवात और भारी वर्षा की जल्दी चेतावनी से बेहतर तैयारी संभव होगी।

शहरी नियोजन: प्रदूषण और हीटवेव की सटीक भविष्यवाणी से स्वास्थ्य जोखिम कम होंगे।

रक्षा और विमानन: समुद्री तूफानों की दिशा और तीव्रता का बेहतर आकलन, जिससे हवाई और नौसैनिक संचालन सुरक्षित होंगे।

तकनीकी प्रगति

त्रिकोणीय क्यूबिक ऑक्टाहेड्रल ग्रिड मॉडल:
यह ग्रिड संरचना पारंपरिक रेखीय मॉडलों की तुलना में उष्णकटिबंधीय मौसम पूर्वानुमान में अधिक सक्षम है।

डॉप्लर राडार नेटवर्क:
40 डॉप्लर राडार (भविष्य में 100 तक विस्तार) के साथ BFS रियल टाइम वातावरणीय डेटा प्राप्त करता है, जिससे "नाउकास्ट" (2 घंटे तक का पूर्वानुमान) संभव होता है।

वैश्विक तुलना

देश/मॉडलरिज़ोल्यूशन
भारत (BFS)6 किमी
अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन9–14 किमी

 

6 किमी रिज़ोल्यूशन के साथ भारत वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन गया है, जिससे सूक्ष्म जलवायु की सटीक निगरानी संभव है।

यह आपके परीक्षा की तैयारी के लिए क्यों महत्वपूर्ण है

GS-III (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी):

BFS भारत की स्वदेशी तकनीकी प्रगति (मेक इन इंडिया) का उदाहरण है।

मौसम विज्ञान में AI/ML और सुपरकंप्यूटिंग (अर्का की 11.77 पेटाफ्लॉप्स क्षमता) पर फोकस करें।

GS-I (भूगोल):

BFS को जलवायु परिवर्तन अनुकूलन रणनीतियों और आपदा लचीलापन से जोड़ें।

GS-III (आपदा प्रबंधन):

BFS के कारण बाढ़/चक्रवात के लिए बेहतर पूर्व चेतावनी प्रणाली का केस स्टडी तैयार करें।

UPSC प्रीलिम्स:

6 किमी रिज़ोल्यूशन, IITM पुणे, और डॉप्लर राडार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं।

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