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अगली जनगणना में जाति आधारित आंकड़े शामिल करने का कैबिनेट का फैसला सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। पढ़ें पूरी जानकारी इस daily GK update में।

अगली जनगणना में जाति गणना को मंजूरी: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण अपडेट

केंद्रीय कैबिनेट ने भारत की आगामी जनगणना में जाति गणना को शामिल करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे "ऐतिहासिक" कदम बताया है। यह स्वतंत्र भारत में पहली बार होगा जब अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के अलावा अन्य सभी जातियों की भी आधिकारिक गणना जनगणना में की जाएगी। यह विषय current affairs March 2025, daily GK update, और competitive exam news के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

पृष्ठभूमि और संदर्भ

भारत में आखिरी बार पूरी जाति आधारित जनगणना 1931 में, स्वतंत्रता से पहले, हुई थी। उसके बाद से केवल SC व ST की ही गणना होती रही है।

2021 की जनगणना, जो उसी वर्ष होनी थी, कोविड-19 महामारी के कारण अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई थी।

यह फैसला ऐसे समय आया है जब नीति निर्माण, सामाजिक न्याय और लक्षित कल्याण योजनाओं के लिए जाति आधारित आंकड़ों की मांग बढ़ रही है।

आगामी जनगणना में क्या नया होगा?

जाति गणना: स्वतंत्र भारत में पहली बार, जनगणना में सभी जातियों की गणना की जाएगी, न कि केवल SC और ST की।

डिजिटल जनगणना: अगली जनगणना डिजिटल माध्यम से होगी, जिसमें मोबाइल एप्लिकेशन में जाति जानकारी के लिए अलग सेक्शन होगा।

कानूनी समर्थन: 2011 की सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) के विपरीत, इस बार जाति गणना को आधिकारिक जनगणना का हिस्सा और कानूनी समर्थन मिलेगा।

पारदर्शिता और समावेशन: सरकार ने प्रक्रिया को पारदर्शी और समावेशी बनाने की बात कही है, जिससे सामाजिक और आर्थिक ढांचे को मजबूती मिलेगी।

तिथियां घोषित नहीं: जनगणना की तिथियां अभी घोषित नहीं हुई हैं, लेकिन संभावना है कि यह 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में शुरू हो सकती है।

यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?

सामाजिक न्याय: यह कदम आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के समावेशन और सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया है।

नीति निर्माण पर प्रभाव: सटीक जाति आंकड़े सरकार को आरक्षण और कल्याण योजनाओं के लिए अधिक समान और लक्षित नीति बनाने में मदद करेंगे।

राजनीतिक संदर्भ: यह फैसला बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आया है और बिहार, कर्नाटक, तेलंगाना जैसे राज्यों में जाति सर्वेक्षण के बाद लिया गया है।

ऐतिहासिक बदलाव: यह स्वतंत्रता के बाद सरकार की अब तक की नीति में बड़ा बदलाव है, जिसमें अब तक पूरी जाति गणना से बचा गया था।

परीक्षा के लिए मुख्य बिंदु

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट समिति ने अगली जनगणना में जाति गणना को मंजूरी दी है।

1931 के बाद पहली बार सभी जातियों की आधिकारिक गणना होगी।

जनगणना डिजिटल माध्यम से होगी, जिसमें जाति जानकारी के लिए विशेष कॉलम होगा।

यह कदम सामाजिक समावेशन और बेहतर नीति निर्माण को बढ़ावा देगा।

जनगणना की तिथि अभी घोषित नहीं हुई है; संभावना है कि यह 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में शुरू होगी।

यह फैसला सामाजिक न्याय, आरक्षण और चुनावी राजनीति के लिए अहम है।

आंतरिक लिंक

Current Affairs March 2025 – Atharva Examwise

Daily GK Update – Atharva Examwise

बाहरी लिंक

The Indian Express – कैबिनेट ने आगामी जनगणना में जाति गणना को मंजूरी दी

Hindustan Times – अगली जनगणना में होगी जाति गणना: सरकार

परीक्षा के लिए क्यों महत्वपूर्ण है

यह विकास UPSC, SSC, बैंकिंग और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह सामाजिक न्याय, सरकारी नीति और समावेशी विकास के लिए डेटा के उपयोग जैसे महत्वपूर्ण विषयों को छूता है। जनगणना का इतिहास, जाति आंकड़ों का महत्व और आरक्षण-कल्याण योजनाओं पर इसके प्रभाव से जुड़े प्रश्न परीक्षाओं में पूछे जा सकते हैं। ऐसे और महत्वपूर्ण अपडेट्स के लिए Atharva Examwise current news से जुड़े रहें।