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ग्लोबल वीर्डिंग: जलवायु परिवर्तन का बढ़ता प्रभाव

जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर के प्रमुख शहर 'ग्लोबल वीर्डिंग' (Global Weirding) के प्रभाव में आ रहे हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें अचानक अत्यधिक गर्मी, कड़ाके की सर्दी, भारी बारिश, बाढ़, और सूखे जैसी चरम मौसम घटनाएं बढ़ जाती हैं। ब्रिस्टल और कार्डिफ यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में दुनिया के 112 प्रमुख शहरों के जलवायु पैटर्न में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं।

भारत के प्रमुख शहर भी ग्लोबल वीर्डिंग के प्रभाव में

भारत भी इस संकट से अछूता नहीं है। अध्ययन के अनुसार, लखनऊ, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और दिल्ली जैसे शहरों में तेज बारिश, बाढ़ और लंबे सूखे की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। जलवायु परिवर्तन के कारण इन शहरों में:

अधिक बारिश और जलभराव की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।

लंबे समय तक सूखा पड़ रहा है, जिससे जल संकट गहराता जा रहा है।

पुरानी जल निकासी और जल प्रबंधन प्रणालियों की अक्षमता समस्या को और गंभीर बना रही है।

विशेषज्ञ सोल ओयुएला ने चेतावनी दी है कि यदि अभी ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो भारत के अन्य शहर भी इस खतरे की चपेट में आ सकते हैं।

17 शहर जहां मौसम सबसे अधिक बदल रहा

शोधकर्ताओं ने डलास, जकार्ता और मेलबर्न जैसे 17 शहरों की पहचान की है, जहां मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है।

डलास: लंबे समय तक सूखा और फिर अचानक तूफान और बाढ़।

जकार्ता: लगातार जलमग्न होता शहर, बाढ़ और सूखे से प्रभावित।

मेलबर्न: जंगलों में भीषण आग, फिर अचानक बारिश से नुकसान।

नैरोबी: सूखे से फसलें तबाह, बाढ़ के बाद बीमारियों का खतरा।

24 शहरों में जलवायु पूरी तरह बदल चुका है

बीते दो दशकों में दुनिया के 24 प्रमुख शहरों में जलवायु पूरी तरह बदल चुकी है।

रियाद: रेगिस्तानी इलाकों में अब बाढ़ की घटनाएं बढ़ रही हैं।

काहिरा: पहले शुष्क जलवायु वाला यह शहर अब लगातार बाढ़ की चपेट में आ रहा है।

डे जीरो: कराची और साओ पाउलो पर मंडराता जल संकट

शोधकर्ताओं का मानना है कि यदि जलवायु परिवर्तन पर ध्यान नहीं दिया गया, तो कई शहर 'डे जीरो' (Day Zero) की ओर बढ़ सकते हैं, जहां पानी पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।

कराची और साओ पाउलो इस संकट की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।

नैरोबी, खार्तुम और जकार्ता भी जल संकट से जूझ रहे हैं।

कीवर्ड

प्राथमिक कीवर्ड: ग्लोबल वीर्डिंग, जलवायु परिवर्तन, जल संकट, ग्लोबल वार्मिंग, मौसम परिवर्तन, ग्लोबल क्लाइमेट चेंज

सहायक कीवर्ड: भारत में जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय संकट, ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव, डे जीरो, जल प्रबंधन

"ग्लोबल वीर्डिंग के प्रभाव से दुनिया के 95% प्रमुख शहरों में जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम असंतुलित हो रहा है। भारत के 6 शहरों समेत 112 शहरों में अचानक बारिश, बाढ़ और सूखे जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।"

External Linking:

शोधकर्ताओं के मूल अध्ययन को संदर्भित करने के लिए ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी और कार्डिफ यूनिवर्सिटी जैसी प्रामाणिक वेबसाइटों के लिंक जोड़ें।

निष्कर्ष: तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता

ग्लोबल वीर्डिंग के कारण जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभाव अब स्पष्ट रूप से दिखने लगे हैं। भारत समेत दुनिया के कई शहरों को इस संकट से बचाने के लिए:

जलवायु नीतियों को सख्त करना होगा।

जल प्रबंधन और निकासी प्रणालियों को उन्नत करना होगा।

पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए सतत विकास रणनीति अपनानी होगी।

यदि अभी कार्रवाई नहीं की गई, तो भारत और दुनिया के कई शहर अभूतपूर्व जल संकट और मौसम आपदाओं का सामना कर सकते हैं।

By Team Atharva Examwise #atharvaexamwise