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शेयर बाजार में निवेश करने से पहले इन 6 महत्वपूर्ण मार्केट रेश्यो को समझना जरूरी है। ये रेश्यो कंपनियों की वित्तीय स्थिति और निवेश की संभावनाओं का आकलन करने में मदद करते हैं।

शेयर बाजार में निवेश के लिए मार्केट रेश्यो क्यों जरूरी हैं?

शेयर बाजार में सफल निवेश रणनीति बनाने के लिए कंपनियों के वित्तीय स्टेटमेंट और मार्केट डेटा को समझना जरूरी है। इसमें मार्केट रेश्यो महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे किसी शेयर की वैल्यू, वित्तीय सेहत और निवेश की संभावनाओं का आकलन करने में मदद करते हैं।

हर निवेशक को इन 6 प्रमुख मार्केट रेश्यो को समझना चाहिए, ताकि वे सही निवेश निर्णय ले सकें।

 

1. पी/ई रेश्यो (Price to Earnings Ratio)

यह क्यों महत्वपूर्ण है?

पी/ई रेश्यो बताता है कि कोई शेयर महंगा है या सस्ता

अगर किसी कंपनी का शेयर ₹100 का है और उसकी प्रति शेयर आय (EPS) ₹4.5 है, तो उसका पी/ई रेश्यो = 100/4.5 = 22.22 होगा।

भारतीय कंपनियों के लिए 15-25 का पी/ई रेश्यो उचित माना जाता है

कैसे समझें?

कम पी/ई रेश्यो (15 से कम) → शेयर अंडरवैल्यूड हो सकता है, लेकिन इसमें ग्रोथ की संभावनाएं भी कम हो सकती हैं।

ज्यादा पी/ई रेश्यो (25 से अधिक) → यह बताता है कि निवेशक कंपनी से अच्छी ग्रोथ की उम्मीद कर रहे हैं

 

2. पी/बी रेश्यो (Price to Book Ratio)

यह क्यों महत्वपूर्ण है?

पी/बी रेश्यो किसी कंपनी की बुक वैल्यू के अनुपात में शेयर की कीमत को दर्शाता है।

1 से कम पी/बी रेश्यो बताता है कि शेयर का वैल्यूएशन कम है, यानी निवेश के लिए अच्छा मौका हो सकता है।

कैसे समझें?

1 से कम पी/बी रेश्यो → शेयर अंडरवैल्यूड और निवेश के लिए अच्छा हो सकता है।

1 से अधिक पी/बी रेश्यो → शेयर का मूल्य अधिक हो सकता है, लेकिन ग्रोथ की उम्मीदें भी अधिक हो सकती हैं।

 

3. आरओई (Return on Equity - इक्विटी पर रिटर्न)

यह क्यों महत्वपूर्ण है?

आरओई रेश्यो बताता है कि कंपनी शेयरधारकों के पैसे पर कितना रिटर्न कमा रही है

अगर किसी कंपनी का आरओई उसकी इंडस्ट्री के औसत से अधिक है, तो वह निवेश के लिए बेहतर विकल्प हो सकती है

कैसे समझें?

उच्च आरओई → कंपनी शेयरधारकों को अच्छा रिटर्न दे रही है।

कम आरओई → कंपनी की लाभप्रदता कमजोर हो सकती है।

 

4. डेट टू इक्विटी रेश्यो (Debt to Equity Ratio)

यह क्यों महत्वपूर्ण है?

यह रेश्यो दर्शाता है कि कंपनी की फंडिंग में कितना हिस्सा कर्ज का है

यदि कोई कंपनी अधिक कर्ज पर निर्भर करती है, तो उसका डी/ई रेश्यो ज्यादा होगा, जिससे जोखिम बढ़ सकता है।

कैसे समझें?

डी/ई रेश्यो 1 से कम → कंपनी की वित्तीय स्थिति स्थिर और कर्ज कम है।

डी/ई रेश्यो 1 से अधिक → कंपनी पर अधिक कर्ज है और जोखिम बढ़ सकता है।

 

5. डिविडेंड यील्ड (Dividend Yield)

यह क्यों महत्वपूर्ण है?

डिविडेंड यील्ड दर्शाता है कि कंपनी अपने मुनाफे का कितना हिस्सा शेयरधारकों को डिविडेंड के रूप में दे रही है

यह निवेशकों को नियमित इनकम के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

कैसे समझें?

उच्च डिविडेंड यील्ड → निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सकता है।

लेकिन ध्यान दें: कभी-कभी शेयर की कीमत गिरने से भी डिविडेंड यील्ड बढ़ सकती है

 

6. पीईजी रेश्यो (PEG Ratio - Price/Earnings to Growth Ratio)

यह क्यों महत्वपूर्ण है?

पीईजी रेश्यो शेयर की कीमत, प्रति शेयर आय (EPS), और ग्रोथ की उम्मीदों को जोड़कर शेयर का सही मूल्यांकन करने में मदद करता है।

1 से कम पीईजी रेश्यो बताता है कि शेयर अंडरवैल्यूड हो सकता है

कैसे समझें?

पीईजी रेश्यो 1 से कम → शेयर का मूल्यांकन अच्छा है, निवेश के लिए उपयुक्त हो सकता है।

पीईजी रेश्यो 1 से अधिक → शेयर की कीमत ग्रोथ की तुलना में अधिक हो सकती है

 

निष्कर्ष: निवेश से पहले मार्केट रेश्यो को समझना क्यों जरूरी है?

शेयर बाजार में सफल निवेश के लिए मार्केट रेश्यो का विश्लेषण करना जरूरी है।

पीई रेश्यो → क्या शेयर सस्ता या महंगा है?

पीबी रेश्यो → कंपनी की बुक वैल्यू के अनुपात में शेयर का मूल्यांकन।

आरओई → शेयरधारकों के पैसे पर रिटर्न।

डेट टू इक्विटी रेश्यो → कंपनी के कर्ज और निवेश की स्थिरता।

डिविडेंड यील्ड → कंपनी का लाभांश देने का ट्रेंड।

पीईजी रेश्यो → कंपनी की ग्रोथ और कीमत का संतुलन।

हर निवेशक को इन रेश्यो का सही उपयोग कर बेहतर निवेश निर्णय लेने चाहिए

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By Team Atharva Examwise #atharvaexamwise