परिचय: राष्ट्रपति शासन (President's Rule) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के अंतर्गत लागू किया जाता है, जब किसी राज्य की सरकार संविधान के अनुसार कार्य नहीं कर पाती है। हाल ही में, 13 फरवरी 2024 को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया। 1950 से अब तक यह प्रावधान देश के कई राज्यों में 134 बार लागू किया जा चुका है। पहली बार 1951 में पंजाब में इसे लागू किया गया था। मणिपुर और उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जहां सबसे अधिक 11 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया है।
राष्ट्रपति शासन से जुड़े संवैधानिक प्रावधान: संविधान में तीन प्रकार की आपातकालीन स्थितियों का प्रावधान किया गया है:
राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352): युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में लागू किया जाता है।
राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356): जब राज्य सरकार संविधान के अनुसार कार्य नहीं करती है।
वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360): आर्थिक संकट की स्थिति में लागू किया जाता है।
राष्ट्रपति शासन लागू होने पर क्या होता है? जब राष्ट्रपति को यह लगता है कि राज्य सरकार संविधान के अनुरूप कार्य नहीं कर रही है, तो वे अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू कर सकते हैं। इसके प्रभाव निम्नलिखित होते हैं:
राज्य की कार्यकारी शक्ति केंद्र सरकार को हस्तांतरित हो जाती है।
राज्यपाल को राष्ट्रपति का प्रतिनिधि बनाकर नियुक्त किया जाता है।
राज्य विधानसभा को निलंबित या भंग किया जा सकता है और राज्य का प्रशासन केंद्र सरकार के अधीन आ जाता है।
राष्ट्रपति शासन का प्रभाव:
मौलिक अधिकार: राष्ट्रपति शासन लागू होने पर नागरिकों के मौलिक अधिकार प्रभावित नहीं होते। लेकिन राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान अनुच्छेद 19 (स्वतंत्रता का अधिकार) निलंबित किया जा सकता है।
राज्यपाल की भूमिका: राष्ट्रपति शासन में राज्यपाल राज्य के प्रशासक के रूप में कार्य करते हैं और केंद्र सरकार को रिपोर्ट करते हैं।
राष्ट्रपति शासन कितने समय तक लागू रह सकता है? राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद इसे संसद की मंजूरी प्राप्त करनी होती है:
प्रारंभिक रूप से, इसे अधिकतम दो महीने तक बिना संसद की मंजूरी के लागू किया जा सकता है।
यदि संसद से अनुमोदन प्राप्त हो जाता है, तो यह अधिकतम छह महीने तक जारी रह सकता है।
इसे अधिकतम तीन वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए हर छह महीने में संसद की मंजूरी आवश्यक होती है।
यदि राष्ट्रीय आपातकाल लागू हो और चुनाव आयोग यह प्रमाणित करे कि राज्य में चुनाव कराना संभव नहीं है, तो राष्ट्रपति शासन को एक वर्ष से अधिक समय तक बढ़ाया जा सकता है।
निष्कर्ष: राष्ट्रपति शासन एक संवैधानिक प्रावधान है जो राज्य में संवैधानिक संकट के समय लागू किया जाता है। हालांकि, इसे लागू करने की प्रक्रिया कठोर है और इसके लिए संसद की मंजूरी आवश्यक होती है। यह प्रावधान भारत की संघीय व्यवस्था को संतुलित बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
By : team atharvaexamwise