भूमिका: जनसांख्यिकी UPSC के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) केवल एक कैलेंडर दिवस नहीं, बल्कि UPSC और राज्य PSC अभ्यर्थियों के लिए एक ऐसा विषय है जो अर्थशास्त्र, भूगोल, पर्यावरण, सामाजिक मुद्दे और शासन—लगभग हर जनरल स्टडीज पेपर से जुड़ता है। यह Atharva Examwise ब्लॉग 2025 के आंकड़ों को सरल भाषा में समझाता है, छिपे रुझान उजागर करता है और बताता है कि इन्हें उत्तरों में कैसे उपयोग करें ताकि मुख्य परीक्षा और प्रीलिम्स में बेहतर अंक मिलें।
H2 – विश्व जनसंख्या दिवस क्या है?
हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है।
1989 में UNDP गवर्निंग काउंसिल द्वारा घोषित, 11 जुलाई 1987 को विश्व की जनसंख्या 5 अरब पहुँचने की याद में।
मुख्य उद्देश्य: जनसंख्या से जुड़े मुद्दों—परिवार नियोजन, लैंगिक समानता, गरीबी, मातृ स्वास्थ्य और मानव अधिकार—पर जागरूकता बढ़ाना।
H2 – ताज़ा जनसंख्या आँकड़े (2025 संस्करण)
संकेतक | विश्व | भारत |
---|---|---|
कुल आबादी | 8.23 अरब | 1.46 अरब |
वार्षिक वृद्धि | +6.9 करोड़ (0.85%) | +1.2 करोड़ (0.89%) |
औसत उम्र | 30.9 वर्ष | 28.8 वर्ष |
वैश्विक हिस्सेदारी | – | 17.8% |
H2 – सबसे तेज़ और सबसे धीमी जनसंख्या वृद्धि वाले देश (2024)
तीव्रतम वृद्धि दर वाले देश
दक्षिण सूडान – 4.65%
नाइजर – 3.66%
अंगोला – 3.33%
सबसे कम/ऋणात्मक वृद्धि दर वाले देश
रूस – −0.49%
जापान – −0.43%
कुक द्वीपसमूह – −2.24% (कुल जनसंख्या 7,761; न्यूजीलैंड के साथ स्वतंत्र संघ)
H2 – भारत में घटती प्रजनन दर: एक नया मोड़
कुल प्रजनन दर (TFR) 2025: 1.94
TFR वर्ष 2000 में: 3.35
अर्थ: औसत परिवार आकार अब कई राज्यों में ‘रिप्लेसमेंट लेवल’ 2.1 से भी कम है, जिससे आने वाले दशकों में वृद्धजन अनुपात बढ़ेगा।
उत्तर में क्या लिखें
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के निष्कर्ष
आर्थिक सर्वेक्षण में जनसांख्यिकीय लाभांश पर चर्चा
सरकारी योजनाएँ: मिशन परिवार विकास, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पीएम जन आरोग्य योजना
H2 – ऐतिहासिक संदर्भ और विकास
11 जुलाई 1987: विश्व की आबादी 5 अरब पहुँची।
1989: UNDP ने इस तिथि को विश्व जनसंख्या दिवस घोषित किया।
मील के पत्थर: 6 अरब (1999) → 7 अरब (2011) → 8 अरब (15 नवम्बर 2022)
उत्तर की शुरुआत में यह कालक्रम उपयोगी है।
H2 – मुख्य उद्देश्य और UN मिशन
परिवार नियोजन: सुरक्षित, स्वैच्छिक गर्भनिरोधक तक पहुँच।
लैंगिक समानता: महिलाओं को प्रजनन संबंधी फैसलों में सशक्त बनाना।
सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज: मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी।
सतत विकास: SDG 3, 4, 5 और 13 के साथ मेल।
H2 – 2025 की जनसांख्यिकीय चुनौतियाँ
संसाधनों पर दबाव: भोजन, पानी, ऊर्जा, आवास।
रोज़गार की चुनौती: भारत में हर साल 1.2 करोड़ नए युवा श्रम बाजार में।
शहरीकरण: अनियोजित विकास, झुग्गियाँ, प्रदूषण।
जलवायु प्रभाव: बढ़ती खपत → अधिक उत्सर्जन।
वृद्ध होती आबादी: पेंशन और स्वास्थ्य देखभाल का बोझ, खासकर यूरोप और पूर्वी एशिया में।
H2 – उपलब्धियाँ और नीतिगत सफलताएँ
वैश्विक: गर्भनिरोधक प्रचलन 65% (UNFPA) तक पहुँचा।
भारत:
दक्षिण और पश्चिमी राज्यों में तेज़ गिरावट।
सागरमाला व भारतमाला परियोजनाएँ युवाओं के लिए रोज़गार।
डिजिटल हेल्थ स्टैक (आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन) से मातृ स्वास्थ्य में सुधार।
H2 – UPSC सिलेबस से सीधा संबंध
GS पेपर | प्रासंगिक विषय | डेटा का उपयोग कैसे करें |
---|---|---|
GS I | जनसंख्या, शहरीकरण, महिला व कमजोर वर्ग | 2025 के आँकड़े को उत्तरों में उद्धृत करें |
GS II | कल्याणकारी योजनाएँ, स्वास्थ्य, शिक्षा, SDGs | परिवार नियोजन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 का मूल्यांकन करें |
GS III | समावेशी विकास, रोज़गार, पर्यावरण | जनसंख्या वृद्धि को संसाधन प्रबंधन व जलवायु लक्ष्यों से जोड़ें |
निबंध/नैतिकता | जनसांख्यिकी, मानव मूल्य, शासन | जापान की वृद्ध आबादी या भारत के युवा लाभांश के केस स्टडी दें |
H2 – अभ्यर्थियों के लिए एक्शन प्लान
मुख्य आँकड़े याद रखें: 8.23 अरब विश्व, 1.46 अरब भारत, TFR 1.94
फ्लैश कार्ड बनाएं: सबसे तेज़/धीमी वृद्धि वाले देश
संकल्पनाएँ जोड़ें: जनसंख्या ↔ SDGs ↔ योजनाएँ ↔ संविधान अनुच्छेद (जैसे अनुच्छेद 47 – सार्वजनिक स्वास्थ्य)
PYQs प्रैक्टिस करें: पिछले वर्षों के प्रश्नों में “population policy”, “demographic dividend” खोजें
मेन के लिए नोट्स बनाएं: आँकड़े + विश्लेषण + योजनाएँ मिलाकर 200 शब्द का नोट तैयार रखें
H2 – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. UPSC में बार-बार जनसांख्यिकी पर प्रश्न क्यों पूछे जाते हैं?
क्योंकि जनसंख्या का प्रभाव अर्थव्यवस्था, राजनीति, समाज और पर्यावरण—सिलेबस के लगभग हर हिस्से पर पड़ता है।
Q2. TFR और क्रूड बर्थ रेट में क्या अंतर है?
TFR – एक महिला के जीवनकाल में औसतन बच्चों की संख्या; CBR – प्रति 1000 जनसंख्या पर एक वर्ष में जन्म।
Q3. भारत में घटती TFR का भविष्य की योजना पर क्या असर होगा?
अल्पकालिक: संभावित जनसांख्यिकीय लाभांश।
दीर्घकालिक: वृद्धजन अनुपात बढ़ेगा, पेंशन व स्वास्थ्य सुधार की आवश्यकता।
UPSC अभ्यर्थियों के लिए मुख्य निष्कर्ष
2025 के आँकड़े आत्मविश्वास से उद्धृत करें—उत्तर में अलग दिखेंगे।
दोनों पक्ष समझें—युवा आबादी के अवसर और वृद्धजन चुनौतियाँ।
नीतियों को SDGs से जोड़ें—बहुआयामी विश्लेषण दिखाएँ।
देशों की तुलना करें (जैसे साउथ सूडान बनाम जापान)—वैश्विक दृष्टिकोण।
बार-बार रिवीजन करें—जनसांख्यिकी बदलती रहती है, ताज़ा आँकड़े अतिरिक्त अंक दिला सकते हैं।
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