परिचय
जैसे-जैसे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 (International Women's Day 2025) नज़दीक आ रहा है, दुनिया भर की कंपनियाँ लैंगिक समावेशन (Gender Inclusion) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने का प्रयास कर रही हैं। लेकिन हकीकत में महिलाओं का कॉर्पोरेट नेतृत्व में संघर्ष अब भी जारी है।
इस ब्लॉग में हम चर्चा करेंगे कि कॉर्पोरेट नेतृत्व में महिलाओं की स्थिति क्या है, विविधता, समानता और समावेशन (DEI) कार्यक्रमों का प्रभाव, कानूनी पहल और नेतृत्व में लैंगिक विविधता के व्यावसायिक लाभ।
महिलाओं के लिए कॉर्पोरेट नेतृत्व में चुनौतियाँ
हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका में DEI कार्यक्रमों की वापसी से यह साफ हो गया कि लैंगिक विविधता की प्रगति अस्थिर हो सकती है। अमेरिका में महिलाओं की 48% कार्यबल में भागीदारी के बावजूद, उनकी पहचान और अधिकार खतरे में हैं।
यह समस्या केवल अमेरिका तक सीमित नहीं है। वैश्विक स्तर पर, जब महिलाओं की भागीदारी में कमी आती है, तो इसका व्यवसायों और अर्थव्यवस्था पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है।
भारत में महिलाओं का नेतृत्व: एक कठिन सफर
भारत में महिलाओं की कार्यबल भागीदारी केवल 35.9% है, लेकिन यह आँकड़ा मध्य और वरिष्ठ प्रबंधन (Senior and Middle Management) में सिर्फ 12.7% तक गिर जाता है।
कानूनी अनिवार्यता और कॉर्पोरेट नीतियों के बावजूद, महिलाओं को अब भी लीडरशिप में सीमित अवसर मिल रहे हैं। कई बार उन्हें केवल टोकन प्रतिनिधित्व (Token Representation) के रूप में रखा जाता है, जबकि असली निर्णय लेने की शक्ति पुरुषों के पास रहती है।
भारत में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने में कानूनी पहल की भूमिका
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय कानूनों ने महिलाओं की कॉर्पोरेट नेतृत्व में उपस्थिति को बढ़ाने में मदद की है:
कंपनी अधिनियम, 2013 (Companies Act, 2013): कुछ सार्वजनिक कंपनियों में कम से कम एक महिला निदेशक नियुक्त करना अनिवार्य किया।
SEBI विनियम, 2015 (SEBI Regulations, 2015): भारत की शीर्ष 1,000 सूचीबद्ध कंपनियों (Top 1,000 Listed Companies) के बोर्ड में एक स्वतंत्र महिला निदेशक नियुक्त करने का प्रावधान किया।
इन प्रयासों का प्रभाव दिखा है, क्योंकि NSE 500 सूचीबद्ध कंपनियों में महिला निदेशकों की संख्या 2011 में 5% से बढ़कर 2023 में 18% हो गई है। लेकिन अब भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
कॉर्पोरेट नेतृत्व में महिलाओं का महत्व: व्यावसायिक लाभ
शोध बताते हैं कि महिलाओं की नेतृत्व में भागीदारी कंपनियों के लिए लाभदायक साबित होती है। कुछ प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं:
बेहतर प्रतिभा पूल: महिलाएँ विविध शैक्षिक पृष्ठभूमि, करियर अनुभव और सामाजिक नेटवर्क लाती हैं।
बेहतर निर्णय-निर्माण: एक लोकतांत्रिक और सहभागी नेतृत्व शैली कंपनियों को अधिक प्रभावी निर्णय लेने में मदद करती है।
मजबूत कॉर्पोरेट गवर्नेंस: महिलाएँ पारदर्शिता और उत्तरदायित्व बढ़ाने में सहायक होती हैं।
बेहतर ब्रांड छवि: अधिक महिला नेतृत्व वाली कंपनियाँ “सर्वश्रेष्ठ कार्यस्थल” और “सबसे नैतिक कंपनियाँ” की सूची में शामिल होती हैं।
शेयरधारकों और हितधारकों की बढ़ती संतुष्टि: महिलाओं का नेतृत्व व्यवसाय को अधिक स्थिर और लाभदायक बनाता है।
सिर्फ प्रतिनिधित्व नहीं, असली शक्ति जरूरी
कई कंपनियाँ लैंगिक विविधता के नाम पर केवल महिला प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देती हैं, लेकिन असली बदलाव तभी आएगा जब महिलाओं को निर्णय लेने की शक्ति दी जाएगी।
C-Suite (शीर्ष प्रबंधन) और KMP (Key Managerial Personnel) में अधिक महिलाओं की नियुक्ति।
स्वतंत्र महिला निदेशक और बोर्ड कमेटी की चेयरपर्सन के रूप में अधिक महिलाओं की भागीदारी।
महिला और पुरुष कर्मचारियों के वेतन में समानता।
लैंगिक समानता के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 पर, कंपनियों को केवल प्रतीकात्मक प्रयासों से आगे बढ़कर वास्तविक परिवर्तन लाने पर ध्यान देना होगा। महिलाओं की कॉर्पोरेट नेतृत्व में भागीदारी केवल नैतिक जिम्मेदारी नहीं बल्कि एक व्यवसायिक आवश्यकता भी है।
महिला नेतृत्व पर गहन शोध आवश्यक
महिलाओं के नेतृत्व की प्रवृत्तियों को समझने के लिए गहराई से शोध की आवश्यकता है। थॉट आर्बिट्रेज (Thought Arbitrage) इस विषय पर 10 वर्षों के दौरान 1,000 कंपनियों के डेटा के माध्यम से एक अध्ययन कर रहा है। यह शोध नीति-निर्माण और कॉर्पोरेट रणनीतियों को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
निष्कर्ष
महिलाओं की कॉर्पोरेट नेतृत्व में भागीदारी स्ट्रैटेजिक प्लानिंग, रिस्क मैनेजमेंट, शेयरधारक मूल्य, और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व को मजबूत बनाती है। अब समय आ गया है कि कंपनियाँ और नियामक लैंगिक विविधता को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाएँ, न कि इसे केवल औपचारिकता के रूप में देखें।
आइए सुनिश्चित करें कि महिलाओं का कॉर्पोरेट नेतृत्व में योगदान वास्तविक और प्रभावशाली हो।
"कॉर्पोरेट नेतृत्व में महिलाओं की भागीदारी के फायदे, चुनौतियाँ और कानूनी पहल। जानिए कैसे लैंगिक विविधता व्यवसायों के लिए लाभदायक है।"
By Team Atharva Examwise #atharvaexamwise