हाइड्रोजन ईंधन सेल: भारत के हरित गतिशीलता परिवर्तन की नई दिशा | UPSC, SSC, Banking Exam Insights

हाइड्रोजन ईंधन सेल: भारत के हरित परिवहन क्रांति की महत्वपूर्ण कड़ी

भारत में हरित गतिशीलता (Green Mobility) की दिशा में तेजी से बदलाव हो रहा है। हाल ही में छत्तीसगढ़ में देश का पहला हाइड्रोजन संचालित ट्रक खनन लॉजिस्टिक्स के लिए तैनात किया गया, जिससे भारत के सतत परिवहन मिशन को नई गति मिली है13। इंडियन ऑयल और हुंडई मोटर इंडिया के बीच हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों (HFCVs) के बड़े पैमाने पर उपयोग की संभावनाओं की खोज के लिए समझौता ज्ञापन, और भारतीय रेलवे की हाइड्रोजन ट्रेन योजना, इस बदलाव को और मजबूती देते हैं311

यह लेख UPSC, SSC, Banking exam aspirants के लिए हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक, इसके लाभ, चुनौतियाँ और भारत सरकार की नीतियों को विस्तार से समझाता है।
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हाइड्रोजन ईंधन सेल कैसे काम करता है?

हाइड्रोजन ईंधन सेल एक विद्युत-रासायनिक उपकरण है, जो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बीच प्रतिक्रिया से बिजली उत्पन्न करता है। इसमें केवल पानी (H₂O) उप-उत्पाद के रूप में निकलता है, जिससे यह शुद्ध और कुशल ऊर्जा समाधान बन जाता है3

कार्य सिद्धांत (Working Principle)

एनोड साइड: हाइड्रोजन गैस (H₂) एनोड पर जाती है, जहाँ यह प्रोटॉन (H⁺) और इलेक्ट्रॉन (e⁻) में विभाजित होती है।

इलेक्ट्रोलाइट: प्रोटॉन इलेक्ट्रोलाइट झिल्ली से होकर गुजरते हैं; इलेक्ट्रॉन बाहरी सर्किट से होकर विद्युत प्रवाह बनाते हैं।

कैथोड साइड: ऑक्सीजन (O₂) कैथोड पर पहुँचती है, जहाँ वह प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन से मिलकर पानी बनाती है।

यह प्रक्रिया बिना दहन के होती है, जिससे केवल जल वाष्प निकलता है और कोई हानिकारक उत्सर्जन नहीं होता।

हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों के प्रमुख लाभ

शून्य उत्सर्जन: केवल पानी की भाप निकलती है, जिससे पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।

ऊर्जा घनत्व अधिक: हाइड्रोजन में पारंपरिक ईंधनों की तुलना में तीन गुना अधिक ऊर्जा घनत्व होता है।

तेज़ रिफिलिंग: पेट्रोल-डीजल वाहनों की तरह ही कुछ मिनटों में हाइड्रोजन टैंक भरा जा सकता है।

लंबी ड्राइविंग रेंज: उच्च ऊर्जा-से-वजन अनुपात के कारण लंबी दूरी तय की जा सकती है।

शांत संचालन: इलेक्ट्रिक मोटर के कारण वाहन का शोर स्तर बहुत कम होता है313

हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों की चुनौतियाँ

सीमित बुनियादी ढांचा: देश में हाइड्रोजन रिफिलिंग स्टेशन बहुत कम हैं, जिससे संचालन सीमित है813

उच्च लागत: हाइड्रोजन का उत्पादन, संपीड़न और भंडारण महंगा है।

प्रारंभिक पूंजी निवेश: वाहन और बुनियादी ढांचे की लागत बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों से अधिक है।

सामग्री की लागत: ईंधन सेल निर्माण में प्रयुक्त सामग्री महंगी है।

सुरक्षा संबंधी चिंताएँ: हाइड्रोजन की ज्वलनशीलता के कारण सुरक्षा को लेकर आमजन में संदेह है13

हरित हाइड्रोजन का महत्व

साफ-सुथरे परिवहन के लिए जरूरी है कि हाइड्रोजन का स्रोत भी स्वच्छ हो।

हरित हाइड्रोजन: नवीकरणीय ऊर्जा से पानी के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा उत्पादित, जिसमें लगभग शून्य GHG उत्सर्जन होता है।

अन्य प्रकार: ग्रे, नीला, भूरा हाइड्रोजन – ये जीवाश्म ईंधन आधारित हैं और कार्बन उत्सर्जन करते हैं, इसलिए टिकाऊ नहीं माने जाते।

महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, तमिलनाडु, राजस्थान जैसे राज्यों में हरित हाइड्रोजन उत्पादन की पहल हो रही है23

सरकारी पहल और मिशन

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (NGHM)

2023 में शुरू, इसका लक्ष्य 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्रता और 2070 तक नेट जीरो हासिल करना है93

मिशन के तहत 5 मिलियन मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन वार्षिक उत्पादन का लक्ष्य।

भारी-शुल्क, लंबी दूरी के परिवहन (जैसे ट्रक, बस) पर विशेष फोकस।

हाइड्रोजन हाईवे: अंतर-राज्य मार्गों पर हाइड्रोजन रिफिलिंग स्टेशन और उत्पादन केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं8

हाइड्रोजन वैली इनोवेशन क्लस्टर (HVIC): विभिन्न राज्यों में हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र के लिए क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं3

पायलट प्रोजेक्ट्स

37 वाहन (बस/ट्रक) और 9 रिफिलिंग स्टेशन 10 प्रमुख मार्गों पर तैनात किए जा रहे हैं8

इंडियन ऑयल, हुंडई, टाटा मोटर्स, अदानी ग्रुप जैसे प्रमुख उद्योग समूह इस परिवर्तन में भागीदारी कर रहे हैं11113

भारत में हाइड्रोजन ईंधन सेल का भविष्य

तकनीकी विकास: अनुसंधान एवं विकास में निवेश से लागत कम होगी और टिकाऊपन बढ़ेगा।

नीतिगत समर्थन: सब्सिडी, टैक्स छूट, और स्वच्छ वाहन अपनाने के लिए सरकारी प्रोत्साहन39

इन्फ्रास्ट्रक्चर विस्तार: 'हाइड्रोजन हाईवे' और क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण से देशभर में नेटवर्क तैयार किया जा रहा है3813

क्यों जरूरी है यह विषय प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए?

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Key Takeaways for Exam Preparation

विज्ञान और प्रौद्योगिकी सेक्शन: हाइड्रोजन ईंधन सेल की कार्यप्रणाली, लाभ और चुनौतियाँ UPSC, SSC, बैंकिंग आदि परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।

पर्यावरण एवं सतत विकास: हरित हाइड्रोजन, कार्बन उत्सर्जन में कमी, और भारत के नेट जीरो लक्ष्य से जुड़े प्रश्नों की संभावना।

आर्थिक और औद्योगिक नीतियाँ: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन, सरकारी पहलें, और उद्योग-सरकार साझेदारी से संबंधित करंट अफेयर्स।

Case Studies: छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों के उदाहरण उत्तर लेखन में उपयोगी।

इंटरडिसिप्लिनरी लिंक: विज्ञान, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और नीति – सभी विषयों में इस विषय का महत्व।

अभ्यर्थियों के लिए सुझाव:

हाइड्रोजन ईंधन सेल और हरित हाइड्रोजन से जुड़े नवीनतम घटनाक्रमों को नियमित रूप से अपडेट करें।

सरकारी योजनाओं, मिशनों और पायलट प्रोजेक्ट्स के नाम, उद्देश्य और राज्यों के उदाहरण याद रखें।

उत्तर लेखन में डेटा, उदाहरण और क्लस्टर आधारित पहल का उल्लेख करें।

Atharva Examwise blog पर ऐसे ही महत्वपूर्ण विषयों के लिए जुड़े रहें – आपकी प्रतियोगी परीक्षा की सफलता के लिए!