भारतीय कंपनियाँ स्थानीय AI बनाने की होड़ में क्यों हैं? भारतAI मिशन और AI कोषा को समझें

परिचय

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने दुनिया भर के उद्योगों को बदल दिया है, और भारतीय कंपनियाँ इस क्षेत्र में तेजी से उभर रही हैं। भारत में इस प्रगति को भारतAI मिशन द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है, जो स्वदेशी AI विकास को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा संचालित एक पहल है। इस मिशन का एक महत्वपूर्ण भाग AI कोषा (AI Kosha) है, जो राष्ट्रीय डेटा सेट प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है। साथ ही, कॉमन कम्प्यूट सुविधा (Common Compute Facility) स्टार्टअप्स और शोधकर्ताओं को ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPUs) प्रदान करती है।

भारतAI मिशन क्या है?

भारतAI मिशन की शुरुआत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और नैसकॉम (NASSCOM) के संयुक्त प्रयास से 2023 में हुई थी। बाद में, इसे सरकार द्वारा पूरी तरह से संचालित परियोजना बना दिया गया, जिसमें ₹10,371.92 करोड़ का बजट आवंटित किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य है - "भारत में AI बनाना और भारत के लिए AI को उपयोगी बनाना।"

AI कोषा के उद्देश्य

AI कोषा (AI Kosha) भारतAI डेटासेट प्लेटफॉर्म का एक प्रमुख घटक है, जिसका उद्देश्य भारतीय संदर्भ में AI मॉडल विकसित करने के लिए स्वदेशी डेटा प्रदान करना है। वर्तमान में अधिकांश AI मॉडल पश्चिमी डेटा सेट्स पर आधारित होते हैं, जिससे वे भारतीय भाषाओं और सांस्कृतिक पहलुओं को ठीक से समझने में सक्षम नहीं होते। AI कोषा विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से गैर-व्यक्तिगत डेटा एकत्र करता है, जिससे भारतीय AI मॉडल अधिक प्रभावी और प्रासंगिक बन सकें।

कॉमन कम्प्यूट सुविधा: स्टार्टअप्स के लिए GPUs की सुविधा

AI मॉडल विकसित करने के लिए उच्च-प्रदर्शन कम्प्यूटिंग संसाधनों की आवश्यकता होती है, खासकर GPUs की। AI मॉडल, विशेष रूप से जनरेटिव AI, के लिए बड़े पैमाने पर कम्प्यूटेशनल शक्ति की जरूरत होती है। लेकिन GPUs अत्यधिक महंगे होते हैं, जिससे स्टार्टअप्स के लिए इन्हें खरीदना मुश्किल हो जाता है।

इस समस्या के समाधान के लिए, भारतAI मिशन ने कॉमन कम्प्यूट सुविधा स्थापित की है, जो AI स्टार्टअप्स और शोधकर्ताओं को साझा GPUs की सुविधा प्रदान करती है।

कॉमन कम्प्यूट सुविधा के लाभ:

कम लागत: स्टार्टअप्स को उच्च-स्तरीय GPUs तक पहुँच मिलती है बिना भारी निवेश किए।

तेज नवाचार: शोधकर्ता और डेवलपर्स तेजी से AI मॉडल विकसित कर सकते हैं।

स्केलेबिलिटी: स्टार्टअप्स अपनी AI सेवाओं को बड़े पैमाने पर विस्तार दे सकते हैं।

आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, अब तक 14,000 GPUs अधिग्रहित और कमीशन किए जा चुके हैं, और प्रत्येक तिमाही में और अधिक जोड़े जाएंगे।

रोडमैप: भारत के AI इकोसिस्टम का भविष्य

भारतAI मिशन के तहत विभिन्न रणनीतियाँ तैयार की गई हैं:

AI कोषा डेटाबेस का विस्तार कर अधिक भारतीय डेटा उपलब्ध कराना।

GPU की संख्या बढ़ाना ताकि अधिक स्टार्टअप्स इसका लाभ उठा सकें।

भारतAI सुरक्षा संस्थान (AI Safety Institute of India) की स्थापना, जिससे AI नैतिकता और जोखिम प्रबंधन सुनिश्चित हो।

भारतAI नवाचार केंद्र (IndiaAI Innovation Centre) के माध्यम से विभिन्न उद्योगों के लिए फाउंडेशन मॉडल विकसित करना।

फ्यूचर स्किल्स पहल (Futureskills Initiative) के तहत छोटे शहरों में AI लैब्स स्थापित करना।

AI स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना ताकि AI आधारित उद्यमों को बढ़ावा दिया जा सके।

अनुवाद मॉडल क्यों महत्वपूर्ण हैं?

भारत में AI के उपयोग में सबसे बड़ी बाधा भाषा विभाजन है। अधिकांश AI मॉडल अंग्रेज़ी भाषा पर केंद्रित हैं, जिससे करोड़ों क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले लोग AI सेवाओं से वंचित रह जाते हैं। AI कोषा विभिन्न भारतीय भाषाओं के लिए अनुवाद मॉडल विकसित कर रहा है, जिससे AI टूल्स को भाषाई रूप से समावेशी बनाया जा सके। यह कदम भारत की विविध जनसंख्या के लिए AI को अधिक सुलभ और उपयोगी बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

AI कोषा और कॉमन कम्प्यूट सुविधा जैसी पहलों के माध्यम से, भारतAI मिशन एक स्वदेशी AI इकोसिस्टम विकसित कर रहा है। सुलभ कम्प्यूटिंग संसाधन, नवाचार को बढ़ावा देना, और भाषाई समावेशन सुनिश्चित करना इस मिशन की प्रमुख रणनीतियाँ हैं। यह पहल भारत को वैश्विक AI हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारत में AI की ताजा अपडेट्स और नवीनतम प्रगति के लिए, देखें भारतAI मिशन और जानें कि कैसे AI भारत के तकनीकी भविष्य को आकार दे रहा है।

By Team Atharva Examwise #atharvaexamwise