भारत में सेमीकंडक्टर चिप्स का बढ़ता आयात और घरेलू उत्पादन की ओर बढ़ते कदम

परिचय

भारत में सेमीकंडक्टर चिप्स का आयात पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। मोनोलिथिक इंटीग्रेटेड सर्किट (ICs), मेमोरी चिप्स और एम्प्लिफायर्स के आयात में FY16 से FY24 तक 2,000% की वृद्धि दर्ज की गई है। इस बढ़ती निर्भरता को कम करने के लिए, भारत सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से Semicon India Programme के तहत घरेलू उत्पादन को गति दे रहा है।

भारत में सेमीकंडक्टर चिप्स का आयात

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, भारत में सेमीकंडक्टर आयात में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है:

मोनोलिथिक ICs का आयात FY16 से FY24 के बीच 2,000% बढ़ा।

मेमोरी चिप्स का आयात इसी अवधि में 4,500% बढ़ा।

एम्प्लिफायर चिप्स, जो वायरलेस कम्युनिकेशन और ऑडियो उपकरणों में उपयोग किए जाते हैं, का आयात 4,800% तक बढ़ा।

FY16 में कुल आयात का 0.19% सेमीकंडक्टर चिप्स का था, जबकि FY25 (अप्रैल-नवंबर) में यह बढ़कर 2.09% हो गया।

भारत के सेमीकंडक्टर चिप्स के प्रमुख आपूर्तिकर्ता

पिछले एक दशक में, चीन भारत का सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर आपूर्तिकर्ता रहा है, जो हर साल कुल आयात मूल्य का लगभग एक-तिहाई प्रदान करता है। अन्य प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में शामिल हैं:

हांगकांग

जापान

दक्षिण कोरिया

सिंगापुर

ताइवान

भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण: आत्मनिर्भरता की ओर कदम

2021 में शुरू किया गया Semicon India Programme भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। हालांकि, बजटीय आवंटन में चुनौतियाँ रही हैं, लेकिन FY25 के संशोधित अनुमानों में FY24 की तुलना में दोगुनी वृद्धि हुई है, जो सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।

भारत में निर्माणाधीन प्रमुख सेमीकंडक्टर संयंत्र:

टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट सुविधा (मोरीगांव, असम)

धोलेरा सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन फैसिलिटी (Fab) (टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन, ताइवान के सहयोग से)

इन सुविधाओं का उद्देश्य चिप असेंबली, टेस्टिंग और पैकेजिंग में योगदान देना है, जिससे भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में अपनी भागीदारी बढ़ा सके।

भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग की चुनौतियाँ

हालांकि भारत असेंबली, टेस्टिंग और पैकेजिंग (ATP) में प्रगति कर रहा है, लेकिन अभी भी निम्नलिखित क्षेत्रों में पीछे है:

इलेक्ट्रॉनिक डिज़ाइन ऑटोमेशन (EDA) सॉफ़्टवेयर (चिप डिज़ाइन के लिए आवश्यक)

कोर इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (IP) और पेटेंट

सेमीकंडक्टर वेफर्स (चिप निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री)

फैब टूल्स और ATP उपकरण (निर्माण मशीनरी)

एडवांस चिप डिज़ाइन

भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग का भविष्य

वैश्विक सेमीकंडक्टर मांग में वृद्धि के साथ, भारत के घरेलू उत्पादन और रणनीतिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करना बेहद जरूरी है। सरकार की सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता की नीति:

आयात निर्भरता को कम करेगी

रोज़गार और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देगी

भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाएगी

निष्कर्ष

भारत का सेमीकंडक्टर उद्योग एक महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रहा है। जहाँ आयात निर्भरता अधिकतम स्तर पर है, वहीं Semicon India Programme जैसी सरकारी पहलें घरेलू चिप निर्माण के लिए मजबूत नींव तैयार कर रही हैं। अगर भारत अपने सेमीकंडक्टर निर्माण क्षमताओं को बढ़ाता है, तो वह भविष्य में इस उद्योग में वैश्विक नेतृत्व हासिल कर सकता है।

भारत की सेमीकंडक्टर नीतियों और निर्माण रोडमैप पर नवीनतम अपडेट के लिए देखें इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय

By Team Atharva Examwise #atharvaexamwise