आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन समिट 2025

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन समिट 2025: यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए महत्वपूर्ण विश्लेषण

परिचय

फ्रांस 10-11 फरवरी 2025 को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक्शन समिट की मेजबानी करेगा, जिसमें वैश्विक नेता, अंतर्राष्ट्रीय संगठन, तकनीकी विशेषज्ञ और नीति निर्माता शामिल होंगे। यह शिखर सम्मेलन AI शासन, नैतिक AI विकास और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव पर केंद्रित होगा।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समिट की सह-अध्यक्षता फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ करेंगे, जो तकनीकी क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।

यह लेख यूपीएससी दृष्टिकोण से समिट का विश्लेषण करता है, जिसमें AI शासन, भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी, और AI विकास में भारत की भूमिका को विस्तार से समझाया गया है।

AI एक्शन समिट का महत्व

AI एक्शन समिट का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर AI नियमन और नैतिक AI के विकास के लिए रणनीतियाँ तैयार करना है। यह शिखर सम्मेलन निम्नलिखित पाँच प्रमुख विषयों पर केंद्रित होगा:

  1. सार्वजनिक हित में AI: समाज के लिए फायदेमंद और सुरक्षित AI विकसित करना।
  2. भविष्य का कार्यक्षेत्र: AI का नौकरियों और श्रम बाजार पर प्रभाव।
  3. नवाचार और संस्कृति: AI बुनियादी ढांचे और अनुसंधान का विकास।
  4. AI में विश्वास: पारदर्शिता और नैतिक मानकों को बढ़ावा देना।
  5. वैश्विक AI शासन: वैश्विक स्तर पर AI नियमन के लिए मानदंड स्थापित करना।

यह समिट ब्लेचली पार्क घोषणा के सिद्धांतों को आगे बढ़ाएगी, जो 2023 में यूके AI सुरक्षा शिखर सम्मेलन में अपनाई गई थी।

ब्लेचली पार्क घोषणा: मुख्य निष्कर्ष

ब्लेचली पार्क घोषणा वैश्विक AI शासन का एक महत्वपूर्ण कदम था। इसके प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:

  • AI जोखिमों और लाभों पर वैज्ञानिक सहमति बनाना।
  • उत्तरदायी AI अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना।
  • AI सुरक्षा और शासन में वैश्विक सहयोग को मजबूत करना।
  • AI मानकों और सर्वोत्तम प्रथाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करना।

AI एक्शन समिट 2025 में एक "पब्लिक इंटरेस्ट AI फाउंडेशन" स्थापित करने की घोषणा की जा सकती है, जिसका विशेष ध्यान वैश्विक दक्षिण (Global South) की आवश्यकताओं पर होगा।

भारत की भूमिका और नैतिक AI विकास में नेतृत्व

भारत AI विकास में सक्रिय भूमिका निभा रहा है और निम्नलिखित पहल कर चुका है:

  • राष्ट्रीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रणनीति (NSAI) - नीति आयोग द्वारा।
  • सभी के लिए उत्तरदायी AI (Responsible AI for All Initiative)।
  • भाषिणी परियोजना – बहुभाषी AI अनुवाद प्रणाली।
  • G20 देशों के साथ AI विनियमन और डिजिटल परिवर्तन पर सहयोग।

भारत नैतिक AI में कैसे नेतृत्व कर सकता है?

  1. स्थानीय भाषाओं में AI का विकास – डिजिटल समावेशन बढ़ाने के लिए।
  2. AI अनुसंधान केंद्रों की स्थापना – उत्तरदायी AI नवाचार के लिए।
  3. वैश्विक नैतिक मानकों के साथ AI नीतियों को मजबूत करना।
  4. सरकारी सेवाओं में AI का उपयोग – प्रशासन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए।

PM मोदी को AI समिट की सह-अध्यक्षता के लिए आमंत्रित किया जाना भारत की वैश्विक तकनीकी शक्ति के रूप में बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाता है।

भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी और भू-राजनीतिक महत्व

AI के अलावा, इस समिट में भारत-फ्रांस नागरिक परमाणु सहयोग से संबंधित महत्वपूर्ण घोषणाएँ होने की संभावना है।

भारत-फ्रांस सहयोग के प्रमुख बिंदु:

  1. छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (Small Modular Reactors - SMRs): संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं की घोषणा हो सकती है।
  2. त्रिपक्षीय विकास सहयोग: वैश्विक विकास पहलों में भारत-फ्रांस साझेदारी को मजबूत करना।
  3. भारत-फ्रांस नवाचार वर्ष (2026): एक विशेष लोगो लॉन्च के साथ नवाचार को प्रोत्साहित करना।
  4. मार्सिले दौरा: प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों मार्सिले में भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे

मार्सिले एक रणनीतिक दूरसंचार केंद्र है, जहाँ से यूरोप, अफ्रीका, पश्चिम एशिया और एशिया को जोड़ने वाली समुद्री केबल्स गुजरती हैं।

वैश्विक AI शासन और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की भूमिका

AI नियमन में UNESCO, संयुक्त राष्ट्र, G20 जैसी संस्थाएँ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

AI नियमन में अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की भूमिका:

  • UNESCO: AI नैतिकता और वैश्विक मानकों को बढ़ावा देता है।
  • संयुक्त राष्ट्र: AI जोखिम प्रबंधन और नीति निर्माण में कार्यरत।
  • G20 और OECD: AI सुरक्षा मानकों को विकसित कर रहा है।

AI एक्शन समिट वैश्विक स्तर पर AI नीति निर्माण के लिए एक मंच प्रदान करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि AI मानवता के हित में कार्य करे।

यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

AI एक्शन समिट 2025 यूपीएससी के GS पेपर 2 (शासन और अंतर्राष्ट्रीय संबंध) और GS पेपर 3 (विज्ञान और प्रौद्योगिकी) के लिए महत्वपूर्ण है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न:

  1. भारत नैतिक AI विकास में वैश्विक नेतृत्व कैसे प्राप्त कर सकता है?
  2. वैश्विक AI शासन में अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की क्या भूमिका है?
  3. भारत-फ्रांस नागरिक परमाणु सहयोग के भू-राजनीतिक प्रभावों का विश्लेषण करें।

निष्कर्ष

AI एक्शन समिट 2025 वैश्विक AI शासन और नैतिक AI विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। भारत की AI नीति, परमाणु सहयोग और वैश्विक तकनीकी नेतृत्व इसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाते हैं।

यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए, तकनीकी और भू-राजनीतिक घटनाक्रमों को समझना उत्तर लेखन, निबंध और साक्षात्कार में सहायक हो सकता है।

By : team atharvaexamwise