परिचय
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2020-2024 के दौरान विश्व का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक बना। यूक्रेन इस अवधि में सबसे बड़ा हथियार आयातक रहा, जबकि भारत के आयात में 2015-2019 की तुलना में 9.3% की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, भारत अभी भी रूस और फ्रांस का सबसे बड़ा रक्षा निर्यात गंतव्य बना हुआ है। यह रिपोर्ट भारत के रक्षा आयात रुझानों, वैश्विक हथियार व्यापार और प्रमुख निर्यातकों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है।
SIPRI रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
1. भारत का रक्षा आयात और रूस पर निर्भरता में गिरावट
भारत ने रूस से कुल 36% हथियार आयात किए, जो 2015-19 में 55% और 2010-14 में 72% था।
भारत फ्रांस का सबसे बड़ा हथियार आयातक (28%) रहा, जो सभी यूरोपीय देशों के कुल 15% आयात से दोगुना अधिक था।
भारत ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान और 6 स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के लिए अनुबंध किए, और 26 राफेल-एम जेट व तीन पनडुब्बियों के सौदे भी जल्द पूरे किए जाने हैं।
2. यूक्रेन बना सबसे बड़ा हथियार आयातक
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते यूक्रेन के हथियार आयात में 100 गुना वृद्धि हुई।
2020-24 के दौरान यूक्रेन ने वैश्विक हथियार आयात का 8.8% प्राप्त किया।
35 से अधिक देशों ने 2022 के बाद यूक्रेन को हथियार आपूर्ति की।
3. पाकिस्तान के हथियार आयात में 61% की वृद्धि
चीन ने पाकिस्तान के 81% रक्षा आयात की आपूर्ति की, जो 2015-19 में 74% था।
पाकिस्तान का बढ़ता सैन्य आधुनिकीकरण और चीन पर अधिक निर्भरता इस प्रवृत्ति को दर्शाते हैं।
4. चीन शीर्ष 10 हथियार आयातकों की सूची से बाहर
1990-94 के बाद पहली बार, चीन शीर्ष 10 वैश्विक हथियार आयातकों की सूची से बाहर हो गया।
यह चीन के स्वदेशी रक्षा उत्पादन में वृद्धि को दर्शाता है।
5. वैश्विक हथियार व्यापार रुझान
अमेरिका ने 43% वैश्विक हथियार निर्यात के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया।
रूस के हथियार निर्यात में 64% की गिरावट आई, जिससे उसका वैश्विक बाजार हिस्सा 7.8% पर आ गया।
फ्रांस (9.6%) रूस को पीछे छोड़ते हुए दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बना।
इटली 4.8% बाजार हिस्सेदारी के साथ 6वें स्थान पर पहुंच गया।
भारत, पाकिस्तान, जापान और ऑस्ट्रेलिया 2020-24 में शीर्ष 10 हथियार आयातकों में शामिल रहे।
भारत की बदलती रक्षा खरीद नीति
भारत की रक्षा खरीद नीति अब अधिक विविधता और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही है। सरकार:
रूस पर निर्भरता कम कर रही है और फ्रांस, इज़राइल और अमेरिका के साथ सौदे कर रही है।
स्वदेशी रक्षा उत्पादन में निवेश कर रही है, जो 'मेक इन इंडिया' पहल के अनुरूप है।
फाइटर जेट, पनडुब्बी और मिसाइल सिस्टम जैसे स्वदेशी रक्षा समाधानों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
भारत के रक्षा आयात का भविष्य
बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों के कारण, भारत अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। फ्रांस भारत का प्रमुख रक्षा भागीदार बनकर उभर रहा है, जबकि स्वदेशी रक्षा उद्योग का विकास भी गति पकड़ रहा है।
निष्कर्ष
भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक बनना इसकी रक्षा आधुनिकीकरण और वैश्विक रक्षा साझेदारियों में बदलाव को दर्शाता है। भारत, अपने आयातित रक्षा उपकरणों और स्वदेशी उत्पादन के बीच संतुलन बनाते हुए वैश्विक सुरक्षा व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की ओर बढ़ रहा है।
भारत की रक्षा खरीद और वैश्विक हथियार व्यापार पर नवीनतम अपडेट के लिए देखें रक्षा मंत्रालय।
By Team Atharva Examwise #atharvaexamwise