ट्रम्प, नेतन्याहू और गाजा पर अमेरिकी कब्जे की बहस: क्या मध्य पूर्व में नया संकट पनप रहा है?
परिचय
हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की गाजा पट्टी पर कब्जा करने और उसे "मिडिल ईस्ट का रिविएरा" बनाने की योजना ने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ उनकी चर्चाओं के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि अमेरिका गाजा को पुनर्निर्माण परियोजना के तहत नियंत्रित करना चाहता है। इस प्रस्ताव पर अरब देशों की सरकारों ने चिंता व्यक्त की है, जबकि यूरोप और संयुक्त राष्ट्र ने कड़ी आलोचना की है।
गाजा पर ट्रम्प की योजना क्या है?
ट्रम्प की इस योजना का मुख्य उद्देश्य गाजा को पुनर्निर्माण के जरिए एक आर्थिक केंद्र में बदलना है। इसमें शामिल प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
गाजा को मिडिल ईस्ट का प्रमुख आर्थिक केंद्र बनाना – ट्रम्प का दावा है कि गाजा को दुबई जैसा विकसित किया जा सकता है।
अमेरिका द्वारा गाजा का अस्थायी सैन्य नियंत्रण – ट्रम्प ने संकेत दिया कि अमेरिकी सेना को जरूरत पड़ने पर तैनात किया जा सकता है।
हमास का पूर्ण निष्कासन – नेतन्याहू का मुख्य उद्देश्य गाजा से हमास को हटाना है, जो इस योजना का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
अरब देशों की वित्तीय भागीदारी – अनुमान लगाया जा रहा है कि सऊदी अरब और अन्य अमीर खाड़ी देश गाजा के पुनर्निर्माण में अरबों डॉलर का निवेश कर सकते हैं।
पश्चिमी देशों का समर्थन – अमेरिका इजराइल और अन्य मित्र देशों के साथ मिलकर गाजा में एक स्थायी सरकार स्थापित करना चाहता है।
नेतन्याहू की रणनीति और चुनौतियाँ
नेतन्याहू के लिए यह योजना एक दोहरी तलवार की तरह है।
इजराइली दक्षिणपंथी गठबंधन की उम्मीदें – नेतन्याहू के धुर-दक्षिणपंथी सहयोगी हमास और फिलिस्तीनियों को गाजा से हटाना चाहते हैं।
अरब देशों का संभावित विरोध – सऊदी अरब और अन्य अरब देश फिलिस्तीनी राज्य के गठन के बिना इस योजना का समर्थन नहीं करेंगे।
गाजा के नागरिकों का प्रतिरोध – गाजा में रहने वाले लाखों फिलिस्तीनी इस तरह की योजना को स्वीकार नहीं करेंगे।
अमेरिका और वैश्विक प्रतिक्रियाएँ
संयुक्त राष्ट्र – इस योजना को "नस्लीय सफाया" करार दिया है।
ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी – ट्रम्प की इस योजना की कड़ी आलोचना की है।
रिपब्लिकन पार्टी – कुछ अमेरिकी रिपब्लिकन नेताओं ने इस योजना को साहसिक और क्रांतिकारी बताया, जबकि कुछ ने इसे अव्यावहारिक करार दिया।
अरब लीग – कई अरब देशों ने इस योजना को अस्वीकार करने का संकेत दिया है।
ट्रम्प की योजना के पीछे कारण
डोनाल्ड ट्रम्प की इस योजना के पीछे कुछ व्यावसायिक और भू-राजनीतिक कारण हो सकते हैं:
रियल एस्टेट और पुनर्निर्माण में ट्रम्प की रुचि – ट्रम्प खुद एक रियल एस्टेट कारोबारी रहे हैं, जिससे वे इस योजना को आर्थिक रूप से लाभकारी मान सकते हैं।
इजराइल-अमेरिका संबंधों को मजबूत करना – इजराइल को गाजा पर नियंत्रण देने से अमेरिका और इजराइल के संबंध और गहरे हो सकते हैं।
मध्य पूर्व में अमेरिकी प्रभाव बढ़ाना – अमेरिका इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए इस तरह के आक्रामक कदम उठा सकता है।
सऊदी अरब-इजराइल संबंधों में सुधार – अगर गाजा को पुनर्निर्माण के लिए तैयार किया जाता है, तो इससे सऊदी अरब और इजराइल के बीच कूटनीतिक संबंधों का रास्ता खुल सकता है।
भविष्य की संभावनाएँ
अगर ट्रम्प की योजना लागू होती है, तो यह गाजा पट्टी में एक नए संकट को जन्म दे सकती है और संभावित रूप से युद्ध को बढ़ावा दे सकती है।
अगर अरब देश इस योजना को खारिज करते हैं, तो यह अमेरिका और मध्य पूर्व के देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है।
अगर इजराइल इसमें शामिल होता है, तो गाजा पर स्थायी कब्जे के लिए उसे फिलिस्तीनियों का भारी विरोध झेलना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रम्प की गाजा पर कब्जे की योजना अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक नए विवाद को जन्म दे रही है। इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू और अमेरिका के इस दृष्टिकोण से कई देशों में अस्थिरता बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, यह योजना कितनी व्यावहारिक होगी, यह फिलहाल अनिश्चित है। मध्य पूर्व के देशों की प्रतिक्रिया और वैश्विक भू-राजनीति का संतुलन ही यह तय करेगा कि यह विचार केवल एक कूटनीतिक चाल था या वाकई एक वास्तविकता बनने जा रहा है।
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By : team atharvaexamwise